डिंपल यादव थीं स्वामी प्रसाद मौर्या के इस्तीफे की वजह? बयानों को 'निजी' बताने पर नाराजगी
लोकसभा चुनाव होने में अब केवल कुछ ही महिनों का वक्त बचा है पर इससे पहले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे हैं.
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लोकसभा चुनाव होने में अब केवल कुछ ही महिनों का वक्त बचा है पर इससे पहले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे हैं.
Uttar Praesh News : लोकसभा चुनाव होने में अब केवल कुछ ही महिनों का वक्त बचा है पर इससे पहले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे हैं. सोमवार को जहां सपा गठबंधन से जयंत चौधरी ने अपना नाता तोड़ा तो वहीं मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य और पल्लवी पटेल से अखिलेश यादव को एक के बाद एक बड़ा झटका दिया. सबसे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा देकर दिया तो पल्लवी पटेल ने राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट को वोट ना देने की बात कही.
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डिंपल यादव के बयान से नाराजगी!
स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस पत्र में कह रहे हैं कि वह जब कोई बयान देते हैं जो समाज के आंडबर खत्म करने वाला होता है. पार्टी इन बयानों के साथ खड़ी नहीं होती. उल्टे उनके बयानों को निजी बयान बता दिया जाता है. एक राष्ट्रीय महासचिव का बयान निजी कैसे हो सकता है. बता दें कि डिंपल यादव और चाचा शिवपाल यादव भी इसे उनके निजी बयान बताते रहे हैं.
सपा विधायक ने किया था बड़ा हमला
वहीं अपने इस्तीफे में स्वामी प्रसाद मौर्य ने छुटभईया नेताओं पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. बता दें कि बीते दिनों में स्वामी प्रसाद के बयानों पर सबसे तीखी प्रतिक्रिया पूर्व मंत्री और वर्तमान में ऊंचाहार से विधायक मनोज पांडेय ने प्रकट की थी. हो सकता है कि स्वामी की प्रतिक्रिया मनोज पांडेय को लेकर हो. एक ही दिन पहले वह मनोज पांडेय को बीजेपी का एजेंट बता चुके हैं.
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गौतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को चिट्ठी लिखकर पद से इस्तीफा दिया है. हालांकि अभी तक उन्होंने सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है. उनके इस्तीफे पर सभी राजनीतिक दलों की ओर से प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है.
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