मनीष गुप्ता मर्डर केस: योगी सरकार ने सीबाआई जांच की अनुशंसा की, ₹40 लाख की सहायता का आदेश

यूपी तक

कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की संदिग्ध मौत के मामले में एक बड़ा डेवलपमेंट सामने आया है. गोरखपुर पुलिस के कुछ जवानों पर आरोप लगे…

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कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की संदिग्ध मौत के मामले में एक बड़ा डेवलपमेंट सामने आया है. गोरखपुर पुलिस के कुछ जवानों पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने पीटकर मनीष गुप्ता की हत्या कर दी. अब यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस मामले में सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी है.

प्रदेश के गृह विभाग ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. ट्वीट में लिखा गया है, ‘कानपुर निवासी स्व. मनीष गुप्ता की दुःखद मृत्यु के प्रकरण में राज्य सरकार द्वारा मा. मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के क्रम में सीबीआई से जांच कराने की संस्तुति भारत सरकार को भेजी गई है.’

गृह विभाग ने बताया है, ‘जब तक सीबीआई प्रकरण को टेकओवर कर अपनी जांच शुरू करती है, तब तक मामले की जांच गोरखपुर से स्थानांतरित कर कानपुर में विशेष रूप से गठित एसआईटी के द्वारा की जाएगी.’

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इस मामले में गृह विभाग ने आगे कहा है, ‘स्वo श्री मनीष गुप्ता की धर्मपत्नी को कानपुर विकास प्राधिकरण में ओoएसoडीo के पद पर नियुक्त करने के निर्देश भी दिए गए हैं एवं परिवार को रुo 40.00 लाख की आर्थिक सहायता राज्य सरकार द्वारा देने के निर्देश भी माo मुख्यमंत्री जी द्वारा दिये गए हैं.’

क्या है मामला?

सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात को गोरखपुर के एक होटल में पुलिस की दबिश के बाद कानपुर के कारोबारी मनीष की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. मनीष के साथ होटल में रुके उनके दोस्त हरवीर सिंह ने बताया कि वे होटल कृष्‍णा पैलेस के अपने रूम नंबर 512 में सो रहे थे.

हरवीर ने बताया कि देर रात पुलिसवालों ने दरवाजा खुलवाया और आईडी चेक करने लगे, मनीष ने देर रात की जांच पर सवाल उठाए, तो पुलिसवाले सामान तक चेक करने के बाद पीटने लगे. हरवीर का आरोप है कि पुलिसवाले शराब के नशे में भी थे, देर रात में की जा रही चेकिंग को लेकर सवाल पूछने पर उन्होंने पीटा.

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