जिसने BJP के लिए लिया अखिलेश और सपा से ‘अयोध्या हार के अपमान का बदला’, कौन हैं वह चंद्रभानु पासवान?
UP News: आखिरकार भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2024 लोकसभा चुनाव में मिली अयोध्या हार का बदला समाजवादी पार्टी से ले ही लिया. चंद्रभानु पासवान ने अखिलेश यादव की सारी रणनीति को फेल कर दिया है.
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UP News: आखिरकार भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2024 लोकसभा चुनाव में मिली अयोध्या हार का बदला समाजवादी पार्टी से ले ही लिया. अयोध्या के मिल्कीपुर में उपचुनाव हुए और भाजपा ने अयोध्या-फैजाबाद के समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को करारी शिकस्त दे डाली. मिल्कीपुर फतह करने के बाद भाजपा 2024 लोकसभा चुनाव में अयोध्या में मिली उस हार से उबर गई, जो अंदर ही अंदर भाजपा और भाजपा नेताओं के लिए बड़ा घाव बनी हुई थी और भाजपा के लिए काफी अपमानजनक थी.
मिल्कीपुर उपचुनाव भाजपा उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान ने 61,710 वोटों से जीत लिया है. खास बात ये है कि उन्होंने उन्हीं अवधेश प्रसाद के बेटे को हराया, जिन्होंने साल 2024 लोकसभा चुनाव में अयोध्या-फैजाबाद लोकसभा सीट भाजपा से छिन ली थी. बता दें कि मिल्कीपुर में मिली जीत के बाद से चंद्रभानु पासवान चर्चाओं में आ गए हैं. इस समय हर तरफ उन्हीं की चर्चा है. आखिर ये चंद्रभानु पासवान हैं कौन? जिन्होंने अखिलेश यादव की सारी रणनीति को फेल कर दिया और सपा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे को करारी शिकस्त दे डाली.
कौन हैं चंद्रभानु पासवान? जिन्होंने भाजपा के लिए लिया सपा से अयोध्या का बदला
अब हम आपको बताते हैं कि आखिर ये चंद्रभानु पासवान हैं कौन? चंद्रभान पासवान पासी समाज से आते हैं. चंद्रभान पासवान रुदौली से दो बार जिला पंचायत सदस्य रहे हैं. अभी इनकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य हैं. इसका परिवार मुख्य रूप से सूरत का व्यवसायी परिवार है. साड़ी के व्यापार में पूरा परिवार सक्रिय है. ये रुदौली में भी साड़ी का कारोबार करते हैं.
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चंद्रभान पासवान पिछले 2 वर्षों से मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर सक्रिय थे. चंद्रभानु पासवान बीजेपी की जिला इकाई में कार्य समिति के भी सदस्य हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में वह अनुसूचित जाति संपर्क प्रमुख रहे. चंद्रभानु पासवान के पिता बाबा रामलखन दास ग्राम प्रधान हैं.
बता दें कि चंद्रभान पासवान ने बीकॉम, एमकॉम और एलएलबी किया हुआ है. वह पिछले 2 सालों से मिल्कीपुर में काफी सक्रिय थे और अपनी पकड़ मजबूत कर रहे थे. ऐसे में वह उपचुनाव में टिकट दावेदारी के मजबूत उम्मीदवार थे.