अभय सिंह Vs आरती तिवारी, अयोध्या में फायरिंग, दो बाहुबलियों के बीच जंग की इनसाइड स्टोरी
अयोध्या के गोसाईगंज विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों दो बाहुबलियों के बीच जंग के माहौल बन गए हैं. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह यूपी…
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अयोध्या के गोसाईगंज विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों दो बाहुबलियों के बीच जंग के माहौल बन गए हैं. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह यूपी की मौजूदा सियासत है. यूपी के बड़े बाहुबलियों में शुमार अभय सिंह यहां से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हैं. अयोध्या जनपद के बड़े बाहुबलियों में शुमार इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी की पत्नी मौजूदा 2022 के विधानसभा चुनाव में उनकी प्रतिद्वंदी हैं. लिहाजा बाहुबलियों की इस जंग में अयोध्या की गोसाईगंज विधानसभा सबसे अधिक चर्चा में है और आए दिन इनके बीच टकराव की खबरें सुर्खियां बन रही हैं. ऐसा ही एक टकराव शुक्रवार को हुआ, जिसमें गोलियां भी चली हैं. फिलहाल पुलिस ने एसपी प्रत्याशी अभय सिंह को अरेस्ट कर लिया है.
शुक्रवार को हुई फायरिंग की पूरी कहानी
अयोध्या जिले के सबसे संवेदनशील गोसाईगंज विधानसभा में शुक्रवार की रात दो बाहुबलियों के बीच राजनीतिक वर्चस्व को लेकर ऐसी भिड़ंत हुई कि गोलियां भी चलीं, गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हुईं और थाने पर पथराव तक हुआ. यह घटना शुक्रवार रात लगभग 9 बजे के आसपास महाराजगंज थाना क्षेत्र के नेव कबीरपुर चौराहे के पास उस समय घटित हुई जब एसपी प्रत्याशी अभय सिंह और बीजेपी प्रत्याशी आरती तिवारी के समर्थक विकास सिंह का काफिला आमने-सामने आ गया.
इस दौरान एक दूसरे के काफिले पर पथराव से लेकर गोलियां तक चलीं. बात इतनी बढ़ी कि घटना के बाद स्थानीय महाराजगंज थाने में पथराव तक हुआ. इसके बाद पीएसी तैनात करनी पड़ी और एसएसपी शैलेश पांडे समेत सभी आला अधिकारी मौके पर पहुंचे.
क्या कहते हैं एसपी प्रत्याशी अभय सिंह
गोसाईगंज विधानसभा से एसपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे बाहुबली प्रत्याशी अभय सिंह का आरोप है कि उनके काफिले पर जनसंपर्क के दौरान बीजेपी कैंडिडेट आरती तिवारी के लोगों ने फायरिंग और पथराव किया. इसमें बड़ी मुश्किल से उनकी और उनके लोगों की जान बची. अभय सिंह का यह भी आरोप है कि पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया.
बीजेपी प्रत्याशी आरती तिवारी के समर्थकों की दलील
बीजेपी प्रत्याशी आरती तिवारी के समर्थक विकास सिंह का आरोप है कि नेव कबीरपुर चौराहे पर वह चुनाव प्रचार कर रहे थे. उनके साथ चार से पांच गाड़ियां ही थीं. इसी बीच उनकी गाड़ियों पर एसपी प्रत्याशी अभय सिंह के लोगों ने पथराव शुरू किया. उनका आरोप है कि पथराव के दौरानी फायरिंग शुरू हुई और एसपी प्रत्याशी अभय सिंह खुद फायरिंग कर रहे थे. आपको बता दें कि इसके पहले भी विकास सिंह और अभय सिंह के बीज दो बार वर्चस्व को लेकर विवाद हो चुका है.
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घटना के बाद थाने पर भी हुआ पथराव
इस घटना के बाद दोनों पक्ष स्थानीय महाराजगंज थाने पर पहुंचे. एक दूसरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी. इसी बीच दोनों पक्षों में एक बार फिर विवाद शुरू हुआ, जिसके कारण महाराजगंज थाने में भी पथराव की घटना हुई. अयोध्या के एसएसपी शैलेश पांडे समेत कई आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और मौके की संवेदनशीलता को देखते हुए पीएसी तक तैनात करनी पड़ी.
एसएसपी शैलेश पांडे का कहना है कि चुनाव प्रचार के दौरान दोनों पार्टियां एक दूसरे के सामने आ गईं. इस दौरान पथराव की घटना में कुछ गाड़ियों के शीशे टूटे और फायरिंग होने का भी आरोप सामने आया है. कुछ लोगों को हल्की चोटें आई हैं. इस घटना को लेकर दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी तहरीर दी है, जिसके बाद पूरे मामले की जांच की जा रही है.
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क्या है विवाद की असली वजह
2012 में अभय सिंह समाजवादी पार्टी के टिकट पर तत्कालीन फैजाबाद जनपद की गोसाईगंज विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक थे. 2017 में बीजेपी और अपना दल के गठबंधन के प्रत्याशी इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी ने अभय सिंह को पराजित कर यह सीट बीजेपी के खाते में डाल दी थी. 2022 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर ये दोनों आमने-सामने हैं. हालांकि, धोखाधड़ी के एक मामले में इंद्र प्रताप उर्फ खब्बू तिवारी अयोध्या कारागार में बंद है और उनकी जगह बीजेपी ने उनकी पत्नी आरती तिवारी को अपना प्रत्याशी बनाया है.
बता दें कि अभय सिंह ने यूपी की अलग-अलग जेलों में लंबा वक्त बिताया है और चुनावी हलफनामे में गंभीर धाराओं में दर्ज 10 मुकदमों का जिक्र किया है. वहीं, धोखाधड़ी के मामले में अयोध्या की एमपी एमएलए कोर्ट से सजा होने के बाद इंद्र प्रताप उर्फ खब्बू तिवारी अपनी विधानसभा सदस्यता पूरी नहीं कर पाए और चुनाव के पहले ही विधानसभा से निलंबित होने के बाद अब बीजेपी प्रत्याशी के रूप में अपनी पत्नी आरती तिवारी के जरिए गोसाईगंज विधानसभा सीट से ताल ठोक रहे हैं. लिहाजा, अयोध्या जनपद की सबसे संवेदनशील विधानसभा में गोसाईगंज का नाम सबसे ऊपर है और अब दो बाहुबलियों के बीच जंग को लेकर पुलिस और प्रशासन खासा चौकन्ना भी है.
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