बढ़ता कोरोना! कैंसिल होती रैलियां, तो क्या UP में अब बड़ी रैलियां नहीं होंगी?

कुमार अभिषेक

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उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे कोरोना की रफ्तार बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे चुनावी रैलियों पर इसका असर दिखता जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित लखनऊ रैली कैंसिल हुई, तो समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी गोंडा और अयोध्या की अपनी रैली कैंसिल कर दी. वहीं, कांग्रेस ने भी उत्तर प्रदेश के अपने सभी चुनावी कार्यक्रम रद्द करने का ऐलान किया है.

ऐसा देखा गया है कि अखिलेश यादव की रैलियों का कार्यक्रम बीजेपी के शीर्ष नेताओं के कार्यक्रम के हिसाब से तय होता रहा है. ऐसे में जिस दिन प्रधानमंत्री की लखनऊ की बड़ी रैली प्रस्तावित थी, उसी दिन अखिलेश यादव ने अपनी रैली अयोध्या के लिए तय कर रखी थी, लेकिन 9 जनवरी की प्रधानमंत्री की लखनऊ रैली के रद्द होते ही अखिलेश यादव ने भी अपनी रैली कैंसिल कर ली. यही, नहीं गोंडा की यात्रा जोकि 7 जनवरी को प्रस्तावित थी, अखिलेश यादव अब ने उसे भी कैंसिल कर दिया है.

बता दें कि उत्तर प्रदेश में अब कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ने लगी है. बुधवार को यूपी में दो हजार से ज्यादा लोग कोरोना पॉजिटिव मिले और पश्चिमी उत्तर प्रदेश खासकर नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर और लखनऊ में अचानक ही कोरोना के मामलों में उछाल आया, जिसे देखते हुए सरकार ने गाइडलाइन भी जारी की है.

हालांकि, केंद्र और राज्य सरकार के सभी बड़े सरकारी कार्यक्रम चल रहे हैं, जिसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत अन्य नेता शिरकत कर रहे हैं. वहीं, यूपी बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी लगातार चुनावी सभाएं कर रहे हैं. बता दें कि बड़े नेताओं के कार्यक्रम भले ही बढ़ते करोना संक्रमण की वजह से फिलहाल रद्द हो रहे हों लेकिन, पार्टियों ने अपने दूसरे नेताओं के जरिए चुनावी कैंपेन जारी रखा है.

उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में चुनाव आयोग उत्तर प्रदेश में चुनाव का ऐलान कर देगा. तारीखें घोषित हो जाएंगी. ऐसे में सभी पार्टियों ने अपने लिए वैकल्पिक चुनावी रैलियों के इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं. कांग्रेस ने वर्चुअल रैलियों का ऐलान किया है, तो बीजेपी ने भी वर्चुअल रैलियों की तैयारी पूरी कर ली है. समाजवादी पार्टी ने भी कोरोना के बढ़ने की सूरत में अखिलेश यादव की वर्चुअल रैलियों की तैयारी की है.

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हालांकि, शुरुआती रैलियां कैंसिल कर सभी पार्टियां वेट एंड वॉच के मूड में हैं. खासकर, सीएमम योगी आदित्यनाथ सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि कोरोना वायरस का ये ओमीक्रॉन वैरिएंट ज्यादा खतरनाक नहीं है और इससे हल्के-फुल्के लक्षण आ रहे हैं. इसके अलावा सीएम ने कहा है कि सभी लोगों को सावधान और कोरोना प्रोटोकॉल के पालन की जरूरत है.

ऐसा कहा जा रहा है कि बीजेपी पश्चिम बंगाल जैसी स्थिति उत्तर प्रदेश में नहीं बनाना चाहती, ताकि उसे लोगों के गुस्से का सामना करना पड़े. इसलिए पार्टी कोरोना और चुनावी रैलियों के बीच तालमेल के लिए फूंक-फूंक कर कदम रख रही है ताकि कोरोना विस्फोट का ठीकरा उसके मत्थे ना फूटे.

आपको बता दें कि बीजेपी चुनाव अभियान समिति से जुड़े एक बड़े नेता नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि अगर कोरोना के केस कंट्रोल में रहेंगे तो चुनावी रैलियां होंगी, लेकिन अगर कोरोना बेकाबू हुआ तो बहुत मुश्किल होगी. उन्होंने कहा कि वैसे पार्टी वर्चुअल रैलियों को लेकर पूरी तैयारी में है.

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