UP उपचुनाव के संग्राम ने बढ़ाई हलचल, सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस ने सपा को दिखाए तेवर, इतने सीटों पर ठोका दावा
UP Assembly Byelection 2024 : उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को सूबे की राजनीति में एक काफी हलचल देखते को मिल रही है. सभी पार्टियों के लिए यूपी में 10 सीटों पर होने वाला उपचुनाव बहुत मायने रखता है.
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UP Assembly Byelection 2024 : उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को सूबे की राजनीति में एक काफी हलचल देखते को मिल रही है. सभी पार्टियों के लिए यूपी में 10 सीटों पर होने वाला उपचुनाव बहुत मायने रखता है. लोकसभा चुनाव के बाद होने वाले इस उपचुनाव को यूपी चुनाव 2027 का सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है. एक तरफ सपा और भाजपा ने इसके लिए अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं तो दूसरी तरफ बसपा और कांग्रेस भी अपनी पार्टी की कुंद हो चुकी धार को तेज करने में जुटे हुए हैं. वहीं उपचुनाव की तैयारियों में जुटे कांग्रेस नेताओं का बड़ा बयान सामने आया है. सपा के साथ गठबंधन में कांग्रेस 5 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है.
कांग्रेस ने दिखाए अपने तेवर
प्रयागराज में हुई संगठनात्मक बैठक में कांग्रेस ने सपा को अपने तेवर दिखाए हैं.कांग्रेस पार्टी ने अपनी संगठनात्मक बैठक लखनऊ के बजाय प्रयागराज में की. समाजवादी पार्टी को साफ-साफ इशारा है कि प्रयागराज मंडल के पास की दोनों सीटें कांग्रेस पार्टी चाहती है. कांग्रेस चाहती है कि वह फूलपुर सदर में अपना प्रत्याशी लड़ाए जबकि मझवां जो की मिर्जापुर की एक विधानसभा सीट है वहां भी कांग्रेस प्रत्याशी हो. प्रयागराज में हुए संघटनात्मक बैठक के बाद कांग्रेस के पूर्वी जोन के प्रभारी राजेश तिवारी ने कांग्रेस की मंशा को साफ कर दिया है.
इतने सीटों पर लड़ना चाहती है पार्टी
हाल भी हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत से पार्टी नेता उत्साहित हैं. कांग्रेस लोकसभा चुनाव के बाद अब यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव की तैयारियों में जुट गई है. कांग्रेस ने यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में से पांच सीटों पर अपनी दावेदारी ठोंकने की बात कही है. कांग्रेस के पूर्वी जोन के प्रभारी राजेश तिवारी ने कहा कि, जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उसमें 5 सीटों पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की थी. उन सीटों पर उसे उपचुनाव लड़ना चाहिए. जबकि पांच अन्य सीटें उसे कांग्रेस के लिए छोड़ देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ज्यादा से ज्यादा सीटों पर उपचुनाव लड़े इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर भी बात भी चल रही है.
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सीट बंटवारे पर फंस सकता है पेंच
एक तरफ कांग्रेस पार्टी फूलपुर सदर की सीट पर अपनी दावेदारी को लेकर अड़ी हुई है वहीं दूसरी तरफ अखिलेश यादव ने फूलपुर सीट के लिए अपने प्रभारी का ऐलान कर दिया है. इंद्रजीत सरोज जो की सपा के बड़े दलित चेहरे हैं, उन्हें उसका प्रभारी भी बना दिया है. बीजेपी ने डिप्टी सीएम केशव मौर्य को इस सीट को जीतने का जिम्मा दिया है तो अखिलेश यादव ने इंद्रजीत सरोज को आगे किया है. ऐसे में इस सीट को लेकर कांग्रेस कहां खड़ी होगी ये देखना दिलचस्प होगा.
इंडिया गठबंधन के लिए अग्निपरीक्षा
लोकसभा चुनाव में जीत से कांग्रेस का उत्साह बढ़ा हुआ है कांग्रेस पार्टी को लगता है कि समाजवादी पार्टी पर दबाव बनाकर वह ज्यादा सीटें हासिल कर सकती है, इसीलिए 5 सीट सपा 5 सीट कांग्रेस की बात चल रही है. लेकिन समाजवादी पार्टी कांग्रेस पार्टी को फिलहाल गाजियाबाद के अलावा कोई और सीट देने को तैयार नहीं दिखती. कांग्रेस को उम्मीद है कि वह फूलपुर पर दबाव बनाएगी क्योंकि यह कांग्रेस की पुरानी और पुश्तैनी सीट रही है. चर्चा है कि समाजवादी पार्टी मझवा और गाजियाबाद सदर सीट ही देना चाहती है. जबकि कांग्रेस पार्टी की कोशिश है की कम से कम तीन सीट इस चुनाव में अपने लिए ले इसीलिए 5 सीटों पर दबाव बनाया जा रहा है.
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इस उपचुनाव में कांग्रेस और सपा के गठबंधन और संयम दोनों की अग्निपरीक्षा भी होगी क्योंकि अब कांग्रेस पार्टी सपा पर दबाव बनाएगी. अब सपा कितना दबाव झेल पाती है यह देखना दिलचस्प होगा.
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