‘गर्व से कहो हम शूद्र हैं’ पोस्टर पर स्वामी मौर्य ने कहा- जो यह कह रहे हैं, उनकी पीड़ा है

आशीष श्रीवास्तव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) की रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी के बाद से यह मुद्दा लगातार सुर्खियों में बना…

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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) की रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी के बाद से यह मुद्दा लगातार सुर्खियों में बना हुआ. इस मुद्दे को लेकर समाजवादी पार्टी लगातार सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को निशाने पर लेते हुए दिख रही है. इस बीच मंगलवार को लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी के कार्यालय के बाहर एक नया होर्डिंग लगा हुआ दिखाई दिया, जिसमें लिख रहा है, ‘गर्व से कहो हम शूद्र हैं.’

अब स्वामी मौर्य ने इस होर्डिंग को लेकर कहा कि जो यह कह रहे हैं, यह उनकी पीड़ा है.

मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्वामी मौर्य ने कहा कि पहले तो जब यहां धर्म के ठेकेदार शूद्र कहकर के इस देश के आदिवासी, दलित, पिछड़े और महिलाओं को मारने पीटने की बात करते हैं. जैसा पोस्टर में कहा गया है ये उनकी पीड़ा बोल रही है. कुछ लोग महिला, दलित, आदिवासी को मारना पीटना अपना धर्म मानते हैं. बीजेपी ऐसे लोगों को अपना नेता मानती है. बीजेपी भी इन्हीं बातों में हामी भर रही है.

बीजेपी को भूलना नहीं चाहिए कि यही आदिवासी, पिछड़े महिला जिनको आप (बीजेपी) हिंदू कहकर वोट मांगते हो और चुनाव के बाद इन्हें बेइज्जत करते हो और इन्हीं 97 फीसद लोगों की भावनाएं आहत करते हैं. बीजेपी ने ऐसे लोगों का समर्थन करके अपनी ओछी मानसिकता प्रदर्शित की है.

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सपा नेता ने कहा कि बीजेपी आरक्षण को एक-एक करके खत्म करती जा रही है. बीजेपी आरक्षण को शून्य करती जा रही है. चुनाव जीतने के बाद आपको इनका समर्थन करना चाहिए, लेकिन आप इनके साथ दुश्मन जैसा बरताव कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि पहले भी देखा गया है कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट जब आंकड़े मांगती है तो सरकार आंकड़ा नहीं दे पाती है, इसलिए जाति आधारित जनगणना बहुत आवश्यक है.

गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसी महीने 22 जनवरी को श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई का जिक्र करते हुए कहा था कि उनमें पिछड़ों, दलितों और महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक बातें लिखी हैं, जिससे करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचती है. लिहाजा इस पर पाबंदी लगा दी जानी चाहिए.

मौर्य की इस टिप्पणी को लेकर काफी विवाद उत्पन्न हो गया था. साधु-संतों तथा भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने उनकी कड़ी आलोचना की थी. उनके खिलाफ लखनऊ में मुकदमा भी दर्ज किया गया. उनके समर्थन में आए एक संगठन के कार्यकर्ताओं ने रविवार को श्रीरामचरितमानस के कथित आपत्तिजनक अंश की प्रतियां जलाई थीं.

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