रामचरितमानस विवाद: स्वामी मौर्य बोले- ‘प्रधानमंत्री जी आप…नीचे होने का दंश झेल चुके हैं’
Uttar Pradesh Ramcharitmanas Controversy: उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस की चौपाइयों को लेकर घमासान मचा हुआ है. इस मुद्दे को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव…
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Uttar Pradesh Ramcharitmanas Controversy: उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस की चौपाइयों को लेकर घमासान मचा हुआ है. इस मुद्दे को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रासाद मौर्य लगातार अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. वहीं, इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने तेवर और तल्ख कर लिए हैं. अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.
मंगलवार को सपा नेता ने कहा,
“संघ प्रमुख, श्री भागवत जी के कहते हैं कि जातियां पंडितों ने बनाई हैं. मा. प्रधानमंत्री जी आप पिछड़ी जाति में ही पैदा होने से नीचे होने का दंश झेल चुके हैं. जाति, धर्म, लिंग, जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव न हो भारतीय संविधान भी कहता है तो क्या अब यह सुनिश्चित करेंगे कि देश की समस्त महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को मानस की आपत्तिजनक टिप्पणी से नित्य प्रति अपमानित न होना पड़े, अस्तु उसे संशोधित या प्रतिबंधित कर इन्हें सम्मान दिलवायेंगे.”
स्वामी प्रसाद मौर्य
मौर्य ने आगे कहा, “मा. प्रधानमंत्री जी आप चुनाव के समय इन्हीं महिलाओं, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ो को हिंदू कहते हैं. आरएसएस प्रमुख, भागवत जी कहते हैं कि जाति पंडितों ने बनाई. तो आखिर इन्हें नीच, अधम, प्रताड़ित, अपमानित करने वाली रामचरित्र मानस की आपत्तिजनक टिप्पड़ीयों को हटाने हेतु पहल क्यों नहीं.”
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क्या कहा था मोहन भागवत ने?
आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने मुंबई के एक कार्यक्रम में जाति व्यवस्था को लेकर एक टिप्पणी की. भागवत ने कहा, ‘सत्य ही ईश्वर है, सत्य कहता है मैं सर्वभूति हूं, रूप कुछ भी रहे योग्यता एक है, ऊंच-नीच नही है, शास्त्रों के आधार पर कुछ पंडित जो बताते है, वो झूठ है. जाति की श्रेष्ठता की कल्पना में ऊंच नीच में अटक कर हम गुमराह हो गए, भ्रम दूर करना है.’
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