मेरठ में नरेश टिकैत बोले- आरक्षण जाटों का हक है, देश के विकास में इनका योगदान है

उस्मान चौधरी

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मेरठ जिले में रविवार को अखिल भारतीय जाट महासभा की एक पंचायत हुई, जिसमें जाट आरक्षण की मांग रखी गई. पंचायत में मेरठ के आसपास के जिलों के सभी जात बिरादरी के लोग इकट्ठा हुए और बिरादरी के मुखिया भी वहां पहुंचेय. पंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकट भी शामिल हुए. वहीं, अखिल भारतीय जाट महासभा के महासचिव युद्ध वीर सिंह भी पहुंचे.

पंचायत में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि जिस तरह 10 कुंतल दूध को एक चौथाई नींबू भी फाड़ने का काम करता है, इस तरह का काम कितने ही लोग कर रहे हैं. ऐसा काम नहीं करना चाहिए. समाज को जोड़ने का काम करना चाहिए, ना कि समाज को तोड़ने का.

वहीं, जाट आरक्षण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि आरक्षण जाटों का हक है और देश की आजादी, देश के विकास में भी इन्होंने योगदान किया है.

वहीं, केंद्र सरकार के द्वारा घोषित महिला आरक्षण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकार ने यह अच्छा किया है, लेकिन सरकार अगर मिल बैठकर बात करे तो और भी अच्छा लगेगा. उन्होंने कहा कि सरकार को मिल बैठकर बात करनी चाहिए फिर चाहे किसानों से हो , आरक्षण के मुद्दे पर हो और जिन बिरादरियों का सहयोग रहा है, उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि जिस बिरादरी का देश की आजादी में ज्यादा योगदान रहा है, उस बिरादरी को कहीं ना कहीं तो सम्मानित करना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘हमारा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है बल्कि जाट अपना अस्तित्व बचाने के लिए एकजुट हुए हैं, जाटों का इतिहास दबाया जा रहा है.’

अखिल भारतीय जाट महासभा के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष प्रताप चौधरी ने कहा कि हर हाल में हम आरक्षण लेकर रहेंगे, इसके लिए चाहे हमें आंदोलन ही क्यों न करना पड़े.

वहीं, अखिल भारतीय जाट महासभा के महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा कि जाट बिरादरी की आरक्षण की बात बहुत पुरानी है और 2014 में हमें आरक्षण मिल भी गया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट के द्वारा निरस्त कर दिया गया था, जिससे हम सहमत नहीं है. उन्होंने कहा कि जो बिरादरी है, हमारे समकक्ष हैं और हमसे नीचे वाली बिरादरियों को आरक्षण में ले लिया गया, जो कि राजनीतिक षड्यंत्र था.

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मेरठ के कंकरखेड़ा के शगुन फार्म हाउस में आयोजित इस प्रांतीय सम्मेलन में राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के भी कई नेता शामिल हुए.

रालोद के राष्ट्रीय सचिव राजकुमार सांगवान ने इस मौके पर कहा कि वर्ष 2014 में चौधरी अजित सिंह के अथक प्रयासों से केन्द्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जाटों को केन्द्र में आरक्षण दिया था, लेकिन उस साल हुए लोकसभा चुनाव के बाद केन्द्र में बनी भाजपा की सरकार की कमजोर पैरवी के कारण केन्द्र में जाट आरक्षण रद्द हो गया. जाट आरक्षण को वापस पाने के लिए जाट हर स्तर पर लड़ाई लड़ेंगे.

इस मौके पर अखिल भारतीय राष्ट्रीय जाट महासभा के प्रदेश जिला संयोजक सुधीर चौधरी और पंजाब, दिल्ली और हरियाणा समेत कई राज्य से आये जाट समाज के लोग शामिल रहे.

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