मायावती बोलीं- ‘किसानों के भारत बंद को BSP का समर्थन, विवादित कानूनों को वापस ले केंद्र’
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) चीफ मायावती ने एक बार फिर किसान आंदोलन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को निशाने…
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बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) चीफ मायावती ने एक बार फिर किसान आंदोलन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है.
मायावती ने 26 सितंबर को ट्वीट कर कहा है, ”केंद्र द्वारा जल्दबाजी में बनाए गए तीन कृषि कानूनों से असहमत और दुखी देश के किसान इनकी वापसी की मांग को लेकर लगभग 10 महीने से पूरे देश और खासकर दिल्ली के आसपास के राज्यों में तीव्र आंदोलित हैं और कल ’भारत बंद’ का आह्वान किया है जिसके शांतिपूर्ण आयोजन को बीएसपी का समर्थन.”
इसके साथ ही मायावती ने लिखा है, ”साथ ही, केंद्र सरकार से भी पुनः अपील है कि किसान समाज के प्रति उचित सहानुभूति और संवेदनशीलता दिखाते हुए तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस ले और आगे उचित सलाह-मश्विरा व इनकी सहमति से नया कानून लाए ताकि इस समस्या का समाधान हो.”
बीएसपी चीफ ने लिखा है कि ‘किसान खुश और खुशहाल तो देश खुश और खुशहाल.’ केंद्र के 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन की धमक यूपी (खासकर पश्चिमी यूपी) में भी सुनाई दे रही है. हाल ही में आंदोलनकारी किसान नेताओं ने यूपी के मुजफ्फरनगर में ‘किसान महापंचायत’ भी आयोजित की थी.
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बीएसपी के अलावा और भी राजनीतिक दलों ने आंदोलनकारी किसान संगठनों के ‘भारत बंद’ का समर्थन किया है. शनिवार को आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्डा ने कहा था कि उनकी पार्टी 27 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा ‘भारत बंद’ के आह्वान का पुरजोर समर्थन करती है.
किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहा एसकेएम 40 से ज्यादा कृषि संगठनों का प्रमुख संगठन है.
इससे पहले वाम दलों ने शुक्रवार को लोगों से अपील की कि वे केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में 27 सितंबर के ‘भारत बंद’ का समर्थन करें.
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