सर्वे : यूपी के इन VIP सीटों पर होने वाला है उलट फेर! जानें डिंपल यादव से लेकर स्मृति ईरानी की सीट पर क्या है रिपोर्ट

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Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) से पहले उत्तर प्रदेश की राजनीति में काफी गहमागहमी देखने को मिल रही है. देश से सबसे ज्यादा सांसद भेजने वाले सूबे उत्तर प्रदेश को फतह करने के लिए सभी राजनीति दल अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं. एक तरफ विपक्षी दलों का गठबंधन इंडिया कमर कस रही है तो दूसरी ओर भाजपा के साथ उसके सहयोगी दल भी तैयारी कर रहे हैं. वहीं इस गहमागहमी के बीच एबीपी न्यूज-सी वोटर के हालिया सर्वे में उत्तर प्रदेश के VIP सीटों का ओपिनियन पोल समाने आया है जिसमें काफी चौंकाने वाले दावा किए गए हैं.

यूपी में ऐसा है VIP सीटों का हाल

बता दें कि एबीपी न्यूज-सी वोटर के ओपिनियन पोल के अनुसार वाराणसी सीट से पीएम मोदी बड़े अंतर से चुनाव जीतते नजर आ रहे हैं. अमेठी में बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी बड़े अंतर से आगे हैं. रायबरेली सीट पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी भी आगे नजर आ रही हैं. वहीं मैनपुरी सीट पर समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव बड़े अंतर से आगे हैं. बात अगर समाजवादी पार्टी के गढ़ कहे जाने वाले आजमगढ़ की करे तो यहां बीजेपी के झटका लगने वाला है. यहां से वार्तमान सांसद दिनेश लाल यादव 2024 में चुनाव हार सकते हैं.

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इन सीटों के ओपिनियन पोल ने किया हैरान

वहीं भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले गोरखपुर में बीजेपी नेता रवि किशन ठीक-ठाक अंतर से आगे हैं. लखनऊ में राजनाथ सिंह बड़े आराम से जीत रहे हैं. गाजियाबाद में वीके सिंह ठीक-ठाक अंतर से आगे हैं. मुजफ्फरनगर में संजीव बालियान कम अंतर से आगे हैं, लखीमपुर खीरी में अजय मिश्रा टेनी कम अंतर से आगे हैं.

विपक्ष के लिए यूपी फतह करना है बेहद जरूरी

दरअसल, देशभर की कुल 543 लोकसभा सीटों में उत्तर प्रदेश 80 सीटों के साथ पहले स्थान पर आता है. फिलहाल 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश ने बीजेपी की जीत में अहम योगदान निभाया था. 2019 में भी उत्तर प्रदेश में मोदी-योगी लहर चली थी. इस दौरान एनडीए ने कुल 64 लोकसभा सीटों पर कब्जा जमाया था. दूसरी तरफ मैदान में अखिलेश और मायावती का सपा-बसपा गठबंधन था. मगर ये गठबंधन भी भाजपा की लहर को रोक नहीं पाया. साल 2019 में बसपा को 10 तो वहीं सपा को 5 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल हुई थी. ऐसे में विपक्षी पार्टियों के लिए बीजेपी को हराने के लिए उत्तर प्रदेश के उनके किले को गिराना जरूरी हो गया है.

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