अखिलेश-डिंपल के सामने अपर्णा यादव लड़ेंगी 2024 का चुनाव? इस मुलाकात से लगने लगीं अटकलें

कुमार अभिषेक

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Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों के बीच बीजेपी नेता और दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव (Aparna Yadav) दिल्ली दौरा काफी चर्चा विषया बना हुआ है. अपर्णा यादव कि भाजपा के बड़े नेताओं से मुलाकात के निहितार्थ ढूंढे जा रहे हैं, शनिवार को अपर्णा यादव ने बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष और संगठन मंत्री सुनील बंसल से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद लखनऊ में कई तरह की सियासी चर्चा शुरू हो गई है.

चर्चा का विषय बना दिल्ली दौरा

अपर्णा यादव ने पहले बी एल संतोष और फिर सुनील बंसल से मुलाकात की दोनों से करीब आधे घंटे की मुलाकात अलग-अलग हुई माना जा रहा है कि अपर्णा यादव ने 2024 में चुनाव लड़ने को लेकर ये मुलाकात की है. माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में एक बार फिर वह हाई कमान से मिलने दिल्ली जाएंगी.

यादव परिवार के खिलाफ मैदान में उतरेंगी अपर्णा!

भाजपा उन्हें यादव परिवार की सीटों पर लड़ना चाहती है लेकिन अपर्णा यादव पहले ही पार्टी शीर्ष चीज नेताओं को अपनी कुछ भावनाओं से अवगत करा चुकी हैं. जिसमें यादव परिवार के किसी सदस्य के खिलाफ चुनाव न लड़ने की बात है. यहां तक की बड़े नेताओं खासकर अखिलेश यादव, शिवपाल यादव, रामगोपाल यादव, डिंपल यादव के खिलाफ चुनाव प्रचार से भी वह परहेज करती हैं और यह बात पहले से ही बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को उन्होंने बता दिया है. मैनपुरी में जब डिंपल यादव चुनाव लड़ रही थी तब भी अपर्णा यादव ने वहां चुनाव प्रचार डिंपल यादव के खिलाफ नहीं किया था.

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सीट की तलशा जारी

2024 के चुनाव को देखा जाए तो अपर्णा यादव के लिए भाजपा के पास लखनऊ सरीखी दूसरी कोई सीट नहीं है, जहां उनकी अपनी कोई पहचान हो. दरअसल अपर्णा यादव 2024 का चुनाव लड़ना चाहती हैं लेकिन उनके लिए कोई मुफीद सीट दिखाई नहीं दे रही. ऐसे में अपर्णा के लिए भाजपा की झोली में क्या है ये साफ नहीं हो पाया है. बहरहाल, यह तो साफ है कि अपर्णा 2027 के विधानसभा के पहले संसद में पहुंचाना चाहती हैं. ऐसे में वह अपने लिए बीजेपी से एक अदद सीट भी चाहती हैं. लेकिन यह सीट कौन सी होगी फिलहाल इसका नाम सामने नहीं है.

फैसले का इंतजार

माना जा रहा है कि संगठन के बड़े नेताओं से दूसरे दौर के मुलाकात के बाद बीजेपी के भीतर अपर्णा यादव की स्थिति को लेकर कुछ तस्वीर साफ होगी. क्योंकि उन्हें आए हुए 2 साल हो चुके हैं अभी तक पार्टी ने ना तो संगठन में उन्हें कोई पद दिया है ना ही मेयर का चुनाव लड़वाया और ना ही विधान परिषद या राज्यसभा दी गई है. ऐसे में अपर्णा यादव के लिए बीजेपी के पिटारे में क्या है, यह आने वाले वक्त में ही पता चलेगा.

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