अजय मिश्रा टेनी को लेकर दुविधा का शिकार हो रही BJP? पार्टी में भी कई सुर होने के संकेत

कुमार अभिषेक

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लखीमपुर खीरी हिंसा केस के बाद एक बड़ा सवाल यह सामने आ रहा है कि क्या केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को लेकर बीजेपी के अंदर भी नाराजगी पनप रही है? सवाल यह है कि क्या बीजेपी अजय मिश्र टेनी को लेकर दुविधा में फंस गई है. ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि एक तरफ अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग जोर पकड़ रही है, तो पार्टी के भीतर भी अजय मिश्रा को लेकर अलग-अलग विचार सामने आने लगे हैं.

वरुण गांधी पहले दिन से ही गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी से खफा नजर आ रहे हैं. मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद वरुण गांधी का ट्वीट भी काफी वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने आशंका जताई कि कहीं मामला हिंदू बनाम सिख न हो जाए.

इसके बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का अल्पसंख्यक सम्मेलन में दिया गया एक बयान भी वायरल हो गया. प्रदेश अध्यक्ष ने यह बोल दिया कि बीजेपी फॉर्च्यूनर से लोगों को कुचलने वाली पार्टी नहीं है, बल्कि कार्यकर्ता ऐसे होने चाहिए, जिन्हें देखकर उनके आस-पड़ोस के लोगों का सीना चौड़ा हो जाए. इसके बाद यह बात बीजेपी के अंदर भी जोर पकड़ रही है कि कहीं अजय मिश्रा की वजह से पार्टी को नुकसान तो नहीं हो रहा?

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क्या पार्टी को सफाई देना हो रहा है मुश्किल?

नाम न छापने की शर्त पर पार्टी के एक बड़े नेता कहते हैं, ‘जिस तरह से वीडियो सामने आ रहे हैं, साफ दिखाई दे रहा है किसानों को पीछे से गाड़ी से कुचला गया है. अब आम किसानों में भी इस बात की चर्चा शुरू हो चुकी है कि जानबूझकर किसानों पर गाड़ी चढ़ाई गई है. पहले लग रहा था कि शायद गाड़ी सवारों के साथ मारपीट की गई थी, जिससे कार चालक का बैलेंस बिगड़ा और एक्सीडेंट हुआ. अब वीडियो से लग रहा है कि शांतिपूर्ण तरीक़े से आगे चल रहे किसानों पर पीछे से ये गाड़ी चढ़ाई गई है और इसपर पार्टी की ओर से सफाई देना मुश्किल है.’

दबंगई और पुराना इतिहास भी सवालों के घेरे में

यह साफ है कि बीजेपी के भीतर भी एक वर्ग मानता है कि मंत्री के बेटे की दबंगई और अजय मिश्रा के पुराने इतिहास की वजह से पार्टी की छीछालेदर हो रही है. दावा किया जा रहा है कि आशीष मिश्रा पूछताछ के दौरान साबित नहीं कर पाए कि वो घटना के वक्त दंगल में ही मौजूद थे. ऐसे में घटना के वक्त उनकी लोकेशन को लेकर भी कयासबाजी का दौर जारी है. ऐसी स्थिति में पार्टी के लिए मंत्री अजय मिश्र का बचाव मुश्किल हो रहा है.

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पार्टी बस इस इंतजार में है कि वक्त के साथ मामला शांत हो. चर्चा ये भी है पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस मुद्दे पर प्रदेश बीजेपी के बड़े नेताओं से चर्चा कर इसका हल ढूंढना चाहता है. हालांकि पार्टी के भीतर इस बात की चर्चा है कि इस घटना में बीजेपी के कार्यकर्ताओं की मौत के बाद एक तबके की सहानुभूति भी है. पार्टी को लगता है कि ब्राह्मण और पिछड़े कार्यकर्ताओं की मौत की वजह से पार्टी फिलहाल कोई बड़ा निर्णय नही ले सकती. बीजेपी से ब्राह्मणों की नाराज़गी का मामला अभी भी चर्चा में है. ऐसे में बीजेपी कोई चांस नहीं लेना चाहती. वहीं, बीजेपी नेता और मुख्यमंत्री के सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी लगातार ट्वीट कर इस मुद्दे को लेकर विपक्ष पर हमला कर रहे हैं.

हालांकि इन सबके बीच एक बात साफ है और वह यह कि अजय मिश्रा टेनी को लेकर बीजेपी फिलहाल दुविधा की शिकार नजर आ रही है.

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