बृजभूषण सिंह को राहत, पॉक्सो ऐक्ट में लगे आरोपों के सबूत नहीं, पुलिस ने क्या-क्या बताया?

नलिनी शर्मा

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

Wrestlers Protest: पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को अदालत में चार्जशीट दाखिल की. सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने नाबालिग पहलवान द्वारा डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान प्रमुख और कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज कराए गए मामले को रद्द करने की अदालत से सिफारिश की और कहा कि कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले है. आपको बता दें कि नाबालिग पहलवान के मामले में प्राथमिकी रद्द करने को लेकर दिल्ली पुलिस ने 550 पेज की रिपोर्ट दाखिल की है.

इस कारण मिली बृजभूषण को राहत

सूत्रों के मुताबिक, नाबालिग ने बृजभूषण शरण सिंह पर लगाए यौन शोषण के आरोप पहले ही वापस ले लिए हैं. बता दें कि नाबालिग अपने बयानों से पलट गई है. इससे पहले नाबालिग ने कोर्ट के सामने यौन शोषण की बात कही थी. मगर बाद में उसने अपना बयान बदल दिया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दूसरे बयान में नाबालिग ने यौन शोषण का आरोप वापस लेते हुए कहा है कि उसका सिलेक्शन नहीं हुआ था और उसने बहुत मेहनत की थी. वह तनाव में थी इसलिए उसने गुस्से में यौन शोषण का मामला दर्ज करवाया था. माना जा रहा है कि पुलिस चार्जशीट में बृजभूषण को बड़ी राहत मिली है. अब बृजभूषण को गिरफ्तारी से राहत भी मिल सकती है.

दिल्ली पुलिस ने ये कहा

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा कि पॉक्सो मामले में जांच पूरी होने के बाद हमने शिकायतकर्ता यानी पीड़िता के पिता और स्वयं पीड़िता के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए धारा 173 CrPC के तहत एक पुलिस रिपोर्ट प्रस्तुत की है. पुलिस ने कहा कि पॉक्सो के आरोपों के संबंध में कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिला है. वहीं, दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ पॉक्सो मामले को हटाने की सिफारिश की है. पुलिस ने पॉक्सो चार्ज हटाने के लिए कोर्ट में 550 पेज की रिपोर्ट दाखिल की है.

ये है मामला

गौरतलब है कि साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और संगीता फोगाट जैसे शीर्ष पहलवानों ने बृजभूषण पर एक नाबालिग पहलवान समेत सात महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया है. दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की थीं. पहली प्राथमिकी एक नाबालिग पहलवान के यौन शोषण के आरोपों के मद्देनजर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज की गई थी. वहीं, दूसरी प्राथमिकी में शीलभंग करने संबंधी आरोप लगाए हैं.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

(अरविंद ओझा के इनपुट्स के साथ)

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT