अनुप्रिया पटेल और BJP के बीच सब कुछ सही नहीं? CM योगी की बैठक में नहीं पहुंचीं अपना दल प्रमुख
सियासी गलियारों में सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब सीएम योगी ने समीक्षा बैठक बुलाई तब अपना दल (एस) प्रमुख अनुप्रिया पटेल और आशीष पटेल क्यों नहीं पहुंचे, क्या दोनों नेताओं ने भाजपा से दूरी बना ली है?
ADVERTISEMENT
Anurpiya Patel News: लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में मिली हार के बाद भाजपा के अंदर अलग-अलग समीक्षा बैठकों का दौर जारी है. एक तरफ संगठन तो दूसरी तरफ सरकार समीक्षा बैठक कर रही है. दो दिनों तक भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष ने सीएम योगी आदित्यनाथ, मंत्रियों और पार्टी नेताओं संग मीटिंग कर ये जाना कि आखिर यूपी में पार्टी को शिकस्त का सामना क्यों करना पड़ा. वहीं बीएल संतोष के बाद सीएम योगी ने अपने स्तर पर समीक्षा का दौर शुरू किया है. अब तक तीन मंडलों की समीक्षा सीएम योगी कर कर चुके हैं. मगर सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब सीएम योगी ने समीक्षा बैठक बुलाई तब अपना दल (एस) प्रमुख अनुप्रिया पटेल और आशीष पटेल क्यों नहीं पहुंचे, क्या दोनों नेताओं ने भाजपा से दूरी बना ली है?
क्यों नहीं आए दोनों नेता?
अनुप्रिया और आशीष पटेल के सीएम योगी की बैठक में न आने पर ऐसी चर्चा है कि सहयोगी दल शायद भाजपा की समीक्षा मीटिंग से दूरी बना रहे हैं. लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद अनुप्रिया पटेल को भाजपा के ऊपर हमलावर होते हुए देखा गया है. अनुप्रिया भाजपा से ज्यादा योगी सरकार पर हमलावर दिखी हैं. कई मुद्दों को लेकर अनुप्रिया लगातार आवाज उठा रही हैं. अभी यूपी में 10 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव चुनाव भी होने हैं. अब ऐसे में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि अनुप्रिया पटेल इसको लेकर क्या कदम उठाती हैं.
अनुप्रिया ने उठाया है 69 हजार शिक्षकों के भर्ती का मुद्दा
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की आरक्षण के मुद्दे पर लिखी गई चिट्ठी को लेकर सियासी घमासान अभी थमा ही नहीं था कि यूपी सरकार पर सवाल उठाते हुए उनका एक और बयान सामने आया है. अनुप्रिया पटेल ने पार्टी संस्थापक सोने लाल की जयंती के मौके पर लखनऊ में जन स्वाभिमान दिवस मनाया. इस दौरान उन्होंने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा, '69 हजार शिक्षक भर्ती का मुद्दा हमने उठाया, पर यह हल नहीं हुआ. अन्य मुद्दे हल हुए. पीएम मोदी ने पिछड़ों के लिए इतना कुछ किया लेकिन फिर भी कुछ बाकी रह गया. हमारे सभी सवाल हल हुए लेकिन एक सवाल का हल नहीं निकल पाया. 69000 शिक्षकों का मसला हल नहीं हो पाया और नुकसान हुआ.'
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT