'थानेदार में सिंह भाई लोग'... SHO पोस्टिंग की जातिवार लिस्ट लेकर आ गए अखिलेश, योगी सरकार पर लगाए ये आरोप

यूपी तक

SHO caste list UP: अखिलेश यादव ने यूपी पुलिस में SHO पोस्टिंग की जातिवार लिस्ट जारी कर योगी सरकार पर जातिवादी भर्तियों का आरोप लगाया. जानिए क्या बोले अखिलेश और क्या है पूरा मामला.

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Akhilesh Yadav caste politics
समाजवादी पार्टी प्रेस कांफ्रेंस
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SHO caste list UP: 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव से पहले सियासी बयानबाजियों का दौर तेज हो गया है. इसी क्रम में समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को योगी आदित्यनाथ सरकार पर अधिकारियों की तैनाती में जातिगत पक्षपात करने का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया कि यूपी में थानेदारों की पोस्टिंग जाति देखकर की जा रही है और पुलिस थानों पर ठाकुर समुदाय के लोगों का दबदबा है.

प्रयागराज में मीडिया से बातचीत करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में ‘बांटो और राज करो’ की नीति के तहत अफसरों के तबादले और तैनाती हो रही है. उन्होंने कुछ जिलों की SHO यानी थानाध्यक्षों की जातिगत लिस्ट साझा करते हुए कहा, "आगरा में कुल 48 पुलिस थानों में से सिर्फ 15 थानेदार PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समुदाय से हैं, जबकि बाकी सभी 'सिंह भाई लोग' यानी ठाकुर समुदाय से हैं."

बीजेपी कर रही जातीय, धार्मिक ध्रुवीकरण: अखिलेश

उन्होंने कहा, "मैनपुरी में कुल 15 SHO में सिर्फ 3 PDA समुदाय से हैं, जबकि 10 ठाकुर समुदाय से हैं. चित्रकूट में 10 में से 2 PDA और 5 ठाकुर समुदाय से, जबकि महोबा में 11 थानों में 3 PDA और 6 ठाकुर समुदाय से हैं. क्या यही है सबका साथ, सबका विकास?"

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अखिलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार समाज में जानबूझकर जातीय और धार्मिक ध्रुवीकरण कर रही है. उन्होंने कहा कि यह पार्टी कभी धर्म के नाम पर तो कभी जाति के नाम पर लोगों को बांटती है. उन्होंने दावा किया कि योगी सरकार में सामाजिक न्याय और समावेशिता की कोई भावना नहीं बची है.

बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लगाया दंगे भड़काने का आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल की हिंसा का उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा कार्यकर्ता ऐसे दंगों को भड़काते हैं. उन्होंने कन्नौज की एक घटना का ज़िक्र करते हुए कहा, "भाजपाइयों ने एक गरीब व्यक्ति को 10-20 हजार रुपये देने का लालच देकर मंदिर में जानवर का मांस फेंकने को कहा. जब वह घबरा गया और इनकार किया तो भाजपा के नेता खुद उसके साथ गए और उससे मांस फिंकवाया, जिसके बाद बड़ा दंगा भड़क गया."

अखिलेश ने कहा कि उनकी जांच में यह सामने आया कि इस घटना में भाजपा के 17 नेताओं को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत जेल भेजा गया. उन्होंने आरोप लगाया कि जहां भी इस तरह की घटनाएं होती हैं, वहां भाजपा नेताओं की संलिप्तता पाई जाती है.

नंद गोपाल नंदी पर भी बोला हमला

इस दौरान अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार में मंत्री नंद गोपाल नंदी पर भी तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा, "उनकी भाषा मेरे प्रति इतनी खराब है कि चाहे वह गंगा में कितनी भी डुबकी लगा लें, उनके पाप नहीं धुल सकते. मुझे लगता है कि उन्होंने सबसे ज्यादा डुबकी लगाई होगी. प्रयागराज की तत्कालीन मेयर अभिलाषा गुप्ता समाजवादी पार्टी में आना चाहती थीं, लेकिन मैंने ही मना किया था कि वह पार्टी में शामिल न हों."

नंदी ने किया पलटवार

इस पूरे बयान के बाद प्रदेश सरकार में मंत्री नंद गोपाल नंदी ने पलटवार करते हुए अखिलेश यादव को 'माफियाओं का मसीहा' और 'गुंडों का सरपरस्त' बताया. उन्होंने कहा, "अगर हल्की और तथ्यहीन बातें करने के लिए कोई ऑस्कर अवॉर्ड होता तो वह अखिलेश यादव को ही मिलता. समाजवादी पार्टी और माफिया का साथ एक ऐसी सच्चाई है जो समय के माथे पर अमिट रूप से लिखी जा चुकी है."

नंदी ने यह भी याद दिलाया कि 12 जुलाई 2010 को प्रयागराज में उन पर हुए जानलेवा हमले में समाजवादी पार्टी के नेताओं की भूमिका साबित हो चुकी है. उन्होंने कहा, "हम समाजवादी पार्टी की अराजकता और गुंडागर्दी के मुखर विरोधी रहे हैं और खुद भी उनके हमलों के शिकार हो चुके हैं. अखिलेश यादव की भाषा, व्यवहार और राजनीतिक शैली ने उन्हें जनता की नजरों में अप्रासंगिक, अविश्वसनीय और हास्यास्पद बना दिया है."

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