रामपुर उपचुनाव: फसाहत अली बोले- आजम खान को ‘अब्दुल’ दिखा रहा ताकत, अब वह दरी नहीं बिछाएगा

आमिर खान

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उत्तर प्रदेश में मैनपुरी लोकसभा (Mainpuri By Election), रामपुर विधानसभा (Rampur By Election) और खतौली विधानसभा (Khatauli By Election) सीटों के उपचुनावों के लिए आज यानी सोमवार को मतदान शुरू हो गया है. मैनपुरी-खतौली के साथ-साथ रामपुर पर भी खास नजर बनी हुई है क्योंकि रामपुर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का गढ़ माना जाता है. मतदान के बीच आजम खान (Azam Khan) के करीबी रहे फसाहत अली शानू (Fasahat Ali Khan Shanu) ने आजम खान पर सियासी हमला बोला है.

यूपीतक से बात करते हुए भाजपा नेता फसाहत अली शानू (Fasahat Ali Khan Shanu) ने कहा, “रामपुर में ऐतिहासिक जीत दर्ज होने जा रही है. अब्दुल ने साबित कर दिया की अब्दुल अब दरी नहीं बिछाएगा बल्कि वह सम्मान के साथ कुर्सी पर बैठेगा. उन्होंने कहा कि किसी ने कहा था कि कोई मां अपने बेटे का नाम अब्दुल नहीं रखना चाहेगी, लेकिन आज ये साबित हो गया कि हर मां अपने बच्चे का नाम अब्दुल रखना चाहेगी.

फसाहत अली शानू ने कहा कि अब्दुल सिर्फ एक नाम नहीं है बल्कि अब्दुल एक प्रतीक है. अब्दुल का राजनीतिक उत्पीड़न किया गया, अब्दुल को भारतीय जनता पार्टी (BJP) का डर दिखाया गया, लेकिन आज अब्दुल आजाद है और वह खुश है. आज अब्दुल विकास का हिस्सा बन रहा है और रामपुर में इतिहास रच रहा है.

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शहर का अब्दुल आजम खान को दिखा रहा ताकत

Rampur By Election: कभी आजम खान के करीबी रहे और अब भाजपा में शामिल फसाहत अली शानू ने कहा कि शहर का अब्दुल आजम खान को अपनी ताकत दिखा रहा है. इस दौरान उन्होंने आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम खान पर तंज मारते हुए कहा कि शहर ने बता दिया है कि कोई मां अपने बेटे का नाम अब्दुल्लाह नहीं रखना चाहेगी बल्कि अब्दुल नाम रखना चाहेगी.

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फसाहत अली शानू ने कहा कि अब्दुल तो अब्दुल हमीद भी थे. हर मां अपने बेटे का नाम अब्दुल हमीद रखना चाहेगी. उन्होंने कहा कि आज अब्दुल ने साबित कर दिया कि वह भारतीय जनता पार्टी के साथ है.

रामपुर न्यूज़: बता दें कि फसाहत अली खान आजम खान के मीडिया प्रभारी थे. आजम खान जब जेल में बंद थे तो शानू ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को निशाने पर लेते हुए उन्हें सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया था. शानू ने कहा था कि “क्या यह मान लिया जाए कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सही कहते हैं कि अखिलेश यादव नहीं चाहते कि आजम खान जेल से बाहर आएं.” शानू के इस बयान को लेकर उस समय सियासी गलियारों में काफी हगमागहमी देखी गई थी. उपचुनावों से पहले ही फसाहत अली खान ने आजम खान का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था.

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