शफीकुर्रहमान बर्क के जनाजे में शामिल होने आए चंद्रशेखर ने ऐसा क्या किया कि हो गए डिटेन?
चंद्रशेखर 17 वर्षीय दलित युवक की मौत मामले में उसके परिजनों से मिलने रामपुर जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें संभल में ही रोक लिया.
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चंद्रशेखर 17 वर्षीय दलित युवक की मौत मामले में उसके परिजनों से मिलने रामपुर जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें संभल में ही रोक लिया.
Chandrashekhar Azad News: संभल सांसद और सपा के वरिष्ठ नेता शफीकुर्रहमान बर्क को बुधवार को हजारों लोगों ने उनके जनाजे में शामिल होकर श्रद्धांजलि दी. इस दौरान संभल के साथ ही आसपास के जिलों के नेता और विधायक-सांसद की मौजूदगी रही. आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद खुद बर्क को श्रद्धांजलि देने संभल पहुंचे. इसके बाद चंद्रशेखर 17 वर्षीय दलित युवक की मौत मामले में उसके परिजनों से मिलने रामपुर जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें संभल में ही रोक लिया. इस दौरान उनकी पुलिस से बहस भी हुई, जिसका का वीडियो आप ऊपर देख सकते हैं.
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रामपुर क्यों जाना चाहते थे आजाद?
बता दें कि रामपुर में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के चित्र का बोर्ड लगाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ. बेकाबू हुए विवाद में हुई फायरिंग में एक दलित युवक की गोली लगने से मौत हो गई. इसके बाद मृतक युवक के परिजनों ने शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया. उनका आरोप था कि युवक की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है.
चंद्रशेखर ने दिया बड़ा बयान
रामपुर जाने से रोके जाने पर चंद्रशेखर आजाद ने मीडिया से बातचीत में कहा, "मैं पुलिस से लड़ना नहीं चाहता हूं, क्योंकि ये भी किसान परिवारों के लोग हैं. लेकिन सरकार से पूछता हूं कि क्या चंद्रशेखर आजाद अपने उन परिवारों से नहीं मिल सकता है, जिनके साथ खून की होली खेली गई है. उन परिवारों के आंसू पोंछकर उनको न्याय दिलाने का काम करूंगा. मैं आज रामपुर जाने से किसी भी हालत में नहीं रुकूंगा, चाहे मेरे ऊपर पुलिस गोली क्यों ना चला दे."
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