1993 के बाद बंद क्यों हो गई ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा, मुलायम सिंह यादव ने दिया था आदेश? जानें

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इस पूरे मामले के सामने आने के बाद आपके मन में भी ये सवाल आता होगा कि जब ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा की जाती थी, तो ये पूजा बंद क्यों हो गई? दरअसल इस पूरे मामले के 2 किरदार है. पहले हैं मुसालम सिंह यादव और दूसरा अयोध्या.

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Varanasi Gyanvapi Vyas ji Tahkhana: ज्ञानवापी परिसर में फिर पुजा शुरू हो गई है. दरअसल ज्ञानवापी परिसर में मौजूद व्यास जी के तहखाने में 31 साल बाद पूजा लौटी है. वाराणसी कोर्ट ने हिंदुओं को व्यास जी के तहखाने में पूजा का अधिकार दे दिया है. कोर्ट आदेश के 11 घंटे के अंदर ही प्रशासन ने व्यास जी के तहखाने में पूजा करवा दी. 

बता दें कि मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट के आदेश के खिलाफ रात 3 बजे सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया. मगर वहां से भी मुस्लिम पक्ष को निराशा हाथ लगी. सुप्रीम कोर्ट ने राहत पाने के लिए मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने के लिए कह दिया. 

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इस पूरे मामले के सामने आने के बाद आपके मन में भी ये सवाल आता होगा कि जब ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा की जाती थी, तो ये पूजा बंद क्यों हो गई?  सवाल आता होगा कि जब 30-31 साल पहले ज्ञानवापी परिसर के व्यास तहखाने में पूजा होती थी, तो ऐसा क्या हुआ कि ये पूजा बंद करवा दी गई और फिर ये मामला कोर्ट में चला गया? 

अब हम आपको इन्हीं सवालों का जवाब देंगे. अयोध्या और मुलायम सिंह यादव इस पूरे मामले में ये ही 2 अहम किरदार हैं. कहा जाता है कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने ही व्यास जी के तहखाने में पूजा बंद करवाई थी. ऊपर दिए गए वीडियो में जानिए आखिर ऐसा क्या हुआ कि ज्ञानवापी परिसर में पूजा बंद करवा दी गई थी.
 

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