वाराणसी: मुश्किल में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद, कोर्ट ने दिया संपत्ति कुर्की का आदेश
वाराणसी में सात साल पहले प्रतिकार यात्रा के दौरान हुए हिंसा मामले में ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, सतुआ बाबा, महंत बालकदास समेत फरार 25…
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वाराणसी में सात साल पहले प्रतिकार यात्रा के दौरान हुए हिंसा मामले में ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, सतुआ बाबा, महंत बालकदास समेत फरार 25 आरोपियों की संपत्ति कुर्क का आदेश कोर्ट ने दिया है. वाराणसी के MP-MLA कोर्ट के जज सियाराम चौरसिया ने इन लोगों को फरार घोषित करते हुए उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट भी जारी कर दिया है.
कोर्ट ने एडीसीपी काशी राजेश कुमार पांडेय को गैर जमानती वारंट जारी करते हुए संपत्ति कुर्क करने और उसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया.
दरअसल 7 साल पहले गणेश प्रतिमा विसर्जन को लेकर पुलिस के सामने राजनीतिक दल, काशीवासी और संतों-महंतों ने मोर्चा खोल दिया था. जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था. इसी लाठीचार्ज के खिलाफ 5 अक्टूबर 2015 को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, कांग्रेस नेता अजय राय सहित अन्य संतों की अगुवाई में वाराणसी के मैदागिन स्थित टाउनहाल मैदान से गोदौलिया तक प्रतिकार यात्रा निकाली गई. जैसे ही यात्रा गोदौलिया चौराहे से दशाश्वमेध मार्ग की तरफ आगे बढ़ने की कोशिश में थी वैसे ही भीड़ में से किसी ने पुलिस पर पानी की बोतलों को फेंकना शुरू कर दिया. फिर पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को खदेड़ना शुरू किया तो सामने से पत्थरबाजी शुरू हो गई.
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फिर पुलिस को लाठीचार्ज करते हुए आंसू गैस के गोलों, रबड़ बुलेट और हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी. इतना ही नहीं उपद्रवियों ने वहीं पुलिस बूथ और कई सरकारी गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया. काफी देर तक गोदौलिया चौराहे पर चले तांडव में तत्कालीन ADM, सिगरा थानाध्यक्ष, PAC का जवान और मीडियाकर्मी भी घायल हुए थें.
अंत में हालात को काबू में करने के लिए शहर के कोतवाली, चौक, दशाश्वमेध, लक्सा और चेतगंज इलाकों में दो घंटों तक कर्फ्यू लगाना पड़ गया. इस मामले में 25 लोगों को दशाश्वमेध थाने में आरोपी बनाकर मुकदमा लिखा गया था. जिसमें मुख्य रूप से शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, सतुआ बाबा संतोष दास, पातालपुरी मठ के महंत बालक दास, पूर्व विधायक और मंत्री अजय राय थें. इस मामले में सिर्फ अजय राय को छोड़कर कोई भी कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ, जिसपर कोर्ट ने शंकराचार्य समेत बाकी के सभी संतों-महंतों और अन्य को फरार घोषित करते हुए उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर उनकी संपत्तियों की कुर्की की भी आदेश दिया है.
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