ज्ञानवापी मस्जिद में नमाज पढ़कर निकले लोगों ने मुख्तार अंसारी को लेकर ये क्या ऐलान कर दिया!

रोशन जायसवाल

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मुख्तार अंसारी को लेकर बात करते वाराणसी के मुसलमान
Mukhtar Ansari
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Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर विवाद हो गया है. मुख्तार के परिवार ने मुख्तार अंसारी को जेल में जहर देने का आरोप लगाया है. खुद मुख्तार अंसारी ने भी कोर्ट के सामने जहर दिए जाने की बात रखी थी. अब जब मुख्तार की मौत हो गई है, तो तमाम राजनीतिक दलों ने भी मामले की जांच की मांग की है. इसी बीच UP Tak ने वाराणसी यानी काशी के मुसलमानों से बात की है और जानना चाहा कि काशी के मुसलमानों का मुख्तार की मौत को लेकर क्या मानना है?

UP Tak ने ज्ञानवापी मस्जिद से नमाज पढ़कर निकल रहे लोगों से बात की. इस दौरान काशी के मुसलमानों ने साफ कहा कि मुख्तार अंसारी की मौत एक साजिश है. उन्हें साजिश के तहत मारा गया है. लोगों ने मुख्तार को गरीबों का मसीहा और रहनुमा भी बताया. ज्ञानवापी से नमाज पढ़कर निकले लोगों ने कहा कि वह सभी मुख्तार अंसारी और उनके परिवार के साथ खड़े हैं. उनकी पूरी संवेदना मुख्तार अंसारी के साथ हैं. 

रॉबिन हुड की पहचान थी

ज्ञानवापी से नमाज पढ़कर निकले एक मुस्लिम शख्स ने मुख्तार को लेकर कहा, मुख्तार अंसारी की वजह से काफी गरीबों के घरों के चूल्हे जलते थे. मुख्तार रॉबिन हुड जैसी हैसियत रखते थे. वह वाराणसी से भी चुनाव लड़े. यहां वह दूसरे स्थान पर रहे. उनका काम बोलता था. वह जनता की सेवा करते थे. वाराणसी के मुसलमान मुख्तार अंसारी और उनके परिवार के साथ खड़े हैं. इस शख्स ने इस दौरन यूपी सरकार को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश सरकार को सभी माफियाओं के साथ एक तरह का व्यवहार करना चाहिए. भेदभाव नहीं करना चाहिए.

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‘भेदभाव किया जा रहा है’

नमाज पढ़कर बाहर निकले दूसरे शख्स ने मुख्तार अंसारी को लेकर कहा, हम सभी देख रहे हैं कि भेदभाव किया जा रहा है. मुख्तार जनता के प्रतिनिधि रह चुके हैं. सभी धर्मों के लोगों ने उन्हें वोट दिया. वह कभी भेदभाव नहीं करते थे. वह पिछले 18 सालों से जेल में थे. ऐसे में वह कैसे किसी की हत्या कर सकते हैं. 

‘सरकार के इशारे पर साजिश हुई’

बुजुर्ग नमाजी से भी UP Tak ने मुख्तार अंसारी को लेकर बात की. उन्होंने कहा, मुख्तार अंसारी के साथ बदले की भावना के तहत काम किया गया. उनके साथ सरकार ने साजिश की. सरकार की लिस्ट में सिर्फ कुछ ही अपराधी हैं. बाकी अपराधी किसी खास पार्टी में आ जाते हैं और सही हो जाते हैं. मुख्तार अंसारी की मौत रमजान के पाक महीने में हुई है. बनारस का मुसलमान मुख्तार के साथ खड़ा है.

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