वाराणसी: महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर काशी विद्यापीठ में ऑनलाइन डिबेट का हुआ आयोजन
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर ऑनलाइन डिबेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. यह आयोजन काशी विद्यापीठ के…
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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर ऑनलाइन डिबेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. यह आयोजन काशी विद्यापीठ के राजनीति विज्ञान विभाग के तत्वाधान में हुआ. ग्रैजुएशन और पोस्ट ग्रैजुएशन दोनों स्तर पर इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. ग्रैजुएशन स्तर पर विषय वर्तमान परिदृश्य में गांधी की प्रासंगिकता रहा, वहीं पोस्ट ग्रैजुएशन के स्तर पर भारत में उग्रवाद की समस्या के समाधान में गांधीवादी दृष्टिकोण विषय का चयन किया गया.
कार्यक्रम की शुरुआत में स्वतंत्रता आंदोलन के सेनानियों का भी स्मरण किया गया. इसके साथ महात्मा गांधी का स्मरण करते हुए दो मिनट का मौन भी धारण किया गया. कार्यक्रम के संयोजक डॉक्टर जयदेव पांडेय ने विषय को प्रस्तावित करते हुए कहा कि ‘महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की स्थापना स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान असहयोग आंदोलन के समय हुई थी, जिसकी आधारशिला महात्मा गांधी ने रखी थी.’
उन्होंने आगे कहा,
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आज भारत अपनी स्वतन्त्रता की 75वीं वर्षगाठ अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है. इस ऐतिहासिक और गौरवशाली वर्ष में भारत अपनी आजादी की लड़ाई में देश के स्वतंत्रता सेनानियों का स्मरण कर रहा है. काशी विद्यापीठ भी उस दौर में स्वतन्त्रता की लड़ाई के नायकों की तपोभूमि रही है.
डॉक्टर जयदेव पांडेय
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर सूर्यभान प्रसाद ने की. उन्होंने गांधी के विचारों और कार्यों संग राष्ट्रीय आंदोलन में राष्ट्रपिता की भूमिका पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि आज गांधी के विचारों की प्रासंगिकता को विश्व स्तर पर देखा जा रहा है. गांधी की अहिंसा, सत्याग्रह, न्यासिता और सर्वोदय के विचार भारत के साथ-साथ विश्व परिदृश्य में भी दिख रहे हैं. आज दुनिया परमाणु युद्धों के सहारे हिंसा के जिस मुहाने पर खड़ी है, वहां गांधी और उनके अहिंसा के विचार और भी प्रासंगिक होते जा रहे हैं.
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उन्होंने आगे कहा कि आज की सरकारें जिस तरीके से ग्रामीण कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देते हुए आत्मनिर्भरता पर बल दे रही हैं. सरकार की नजर में समाज के अंतिम व्यक्ति की सुरक्षा जरूरी हो गई है, ऐसी प्रेरणा हमें गांधी से मिलती है. कार्यक्रम में ग्रैजुएशन और पोस्ट ग्रैजुएशन के मिलाकर कुल 48 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया.
निर्णायक मंडल में राजनीति विज्ञान विभाग के डॉ. पीयूष मणि त्रिपाठी, डॉ. मिथिलेश कुमार गौतम, डॉ. ज्योति सिंह, प्रोफेसर मोहम्मद आरिफ, डॉ. रेशम लाल, डॉ. रवि प्रकाश सिंह रहे. कार्यक्रम का संचालन आयोजन सचिव डॉ. विजय कुमार ने किया और धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक डॉ. जयदेव पाण्डेय ने किया.
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