कोर्ट में पेशी के दौरान पसीने-पसीने रहा मुख्तार अंसारी, जज से बोला- ‘बेकसूर हूं साहब’

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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के MP-MLA कोर्ट में शनिवार को बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की बांदा जेल से वर्चुअल पेशी हुई. यह पेशी फर्जी एंबुलेंस मामले में विशेष सत्र न्यायधीश कमलकांत श्रीवास्तव की कोर्ट में हुई. इसमें वादी मुकदमा तत्कालीन एआरटीओ पंकज सिंह से जिरह हुई, लेकिन समय के अभाव के चलते जिरह पूरी नहीं हो सकी. इसलिए इस मुकदमे में अगली तारीख 24 अगस्त की लगाई गई है.

कोर्ट में मुख्तार की हुई पेशी

शनिवार को विशेष सत्र न्यायधीश कमलकांत श्रीवास्तव ने गैंगेस्टर के मुकदमे में दूसरे गवाह तत्कालिन एआरटीओ पंकज सिंह को सम्मन भेज कर कोर्ट में तलब किया था. सम्मन पाकर पंकज सिंह कोर्ट में हाजिर हुए. कोर्ट ने पूछा की आपको एम्बुलेंस फर्जी पंजीकरण की जानकारी कैसे हुई, तो पंकज सिंह ने बताया कि मीडिया और अखबारों के माध्यम से पता चला. जिस पर जांच के बाद नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया था. वहीं पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी कोर्ट में अपने आप को बेगुनाह बताता रहा.

कोर्ट में बाहुबली मुख्तार दिखा लाचार

कोर्ट में जिरह शुरू हुई तो बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट की कार्यवाही पर खुद नजर बनाए हुए था. दूसरे गवाह की जिरह के दौरान मुख्तार बार–बार यही कहता रहा कि, ‘ये मुकदमा फर्जी है. मैं 18 साल से जेल में बंद हूं, जेल से कैसे गैंग बनाकर चला सकता हूं.’ मुख्तार अंसारी बेबस की तरह कोर्ट में चिल्लाता रहा. लेकिन गवाह अपने बयान से नहीं मुकरा और गवाह ने मुकदमा दर्ज करने का पूरा मामला कोर्ट में बताया.

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क्या बोले मुख्तार के वकील

मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि, ‘मुकदमे के दूसरे गवाह तत्कालीन एआरटीओ पंकज सिंह हाजिर हुए. उनकी मुख्य परीक्षा के बाद जिरह शुरू हुई. लेकिन वक्त की कमी की वजह से जिरह पूरी नहीं हो पायी. अब इसमें 24 अगस्त की अगली तारीख पर फिर जिरह होगी. मुकदमे में गवाहों के बयान से ये बात सामने आ रहीं है कि ये मुकदमे जो चलाए जा रहे है, वह मीडिया रिपोर्ट पर आधारित है. इसके अतिरिक्त न इनके पास कोई साक्ष्य है और न सबूत ही है.’

क्या है एंबुलेंस प्रकरण

आपको बता दे कि 2 अप्रैल 2021 को बाराबंकी तत्कालीन एआरटीओ पंकज सिंह की तहरीर पर नगर कोतवाली में धारा 419, 420, 467, 468, 471 की संगीन धाराओं दर्ज कराया था. पंजाब में अस्पताल से जेल जाने के लिए बाहुबली मुख्तार अंसारी जिस एंबुलेंस का इस्तेमाल करता था. उस एंबुलेंस का फर्जी पंजीकरण बाराबंकी संभागीय विभाग में हुआ था. मुकदमे की मुख्य आरोपी डॉ. अलका राय के नाम पर एंबुलेंस का फर्जी पंजीकरण दर्ज था. नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था. बाद में तफ्तीश के दौरान मुख्तार अंसारी और उसके गुर्गों के नाम मुकदमे में बढ़ाए गए थे.

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