आपदा से बचाएगा ‘महादेव का त्रिशूल’, ITM गोरखपुर में चार छात्रों ने बनाया अनोखा डिवाइस
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में बाढ़ की तबाही को देखते हुए गोरखपुर के ITM के छात्रों ने इस आपदा से प्रदेश और…
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Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में बाढ़ की तबाही को देखते हुए गोरखपुर के ITM के छात्रों ने इस आपदा से प्रदेश और देश को बचाने की ठानी है. छात्रों ने इस आपदा निबटने और आपदा के आने से पहले लोगों सूचना मिल सके इसके लिए महादेव के त्रिशूल नाम से एक गैजेट का निर्माण कर डाला. यह त्रिशूल, लोगों को कोई आपदा आने से पहले सूचना देगा और लोग इस सूचना से अपने को बचा सकेंगे.
बाढ़ से बचाएगा ‘महादेव का त्रिशूल’
यह कारनामा गोरखपुर के इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गीडा (ITM) के चार स्टूडेंट ने किया है. उन्होंने ऐसा इनोवेशन किया है, जो प्राकृतिक आपदा यानी बाढ़, सूनामी आने से पहले ही इंफॉर्मेशन देगाऔर पब्लिक सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाएगी. इस इनोवेशन को स्टूडेंट्स ने नाम दिया है ‘महादेव का त्रिशूल’ ITM चार स्टूडेंट दर्शन सराफ, अक्षिता मिश्रा, खुशी त्रिपाठी और जांही ने. यह सभी BSC और BBA के स्टूडेंट हैं. इन्हीं चारों ने मिलकर ‘महादेव का त्रिशूल’ को बनाया है. स्टूडेंट ने बताया कि प्राकृतिक आपदा अचानक आती है और गांव के गांव इससे तबाह हो जाते हैं. इसलिए हम लोगों ने मिलकर यह वायरलेस ट्रेक्नोलॉजी पर आधारित त्रिशूल बनाया है.
कैसे काम करता है हाइटेक त्रिशूल
चारों स्टूडेंट ने मिलकर हाइटेक त्रिशूल सिर्फ 7 दिनों में तैयार किया है. यह त्रिशूल वायरलेस टेक्नोलॉजी पर आधारित है. इस टेक्नोलॉजी की मदद से नदियों के बढ़ते जल स्तर की सूचना समय से पहले स्थानीय प्रशासन को भी मिल सकेगी. इससे बचाव कार्य समय से पहले कर भारी हानि से होने से रोक सकेंगे. इस डिवाइस को तैयार करने मे हाई फ्रीक्वेंसी ट्रांसमीटर, रिसिवर, 9 वोल्ट बैटरी, रिले रिसीवर LED बल्ब, अलार्म एंडीकेटर आदि उपकरणों का यूज किया गया है.
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सिर्फ 4 हजार रुपए आया त्रिशूल का खर्च
हैरानी वाली बात तो यह है कि जहां, इस हाईटेक त्रिशूल को बनाने में स्टूडेंट्स ने सिर्फ 7 दिनों का ही वक्त लिया. वहीं, इसका बजट भी बेहद कम है. इसे बनाने में सिर्फ 4 रुपये का खर्च आया है. इन्नोवेटिव आईडिया डिवाइस बना रहे स्टूडेंट्स संस्था के निदेशक डॉ. एनके सिंह ने बताया कि, ‘हमारे कॉलेज में नवाचार परिषद् द्वारा स्थापित प्रयोगशाला में स्टूडेंट अपने इन्नोवेटिव आईडिया से लगातार समस्याओं के निदान के लिए आधुनिक तकनीकी पर आधारित डिवाइस बना रहे है. जो समाज और देश के विकास में मदद करेगा.’
इस उपलब्धि पर संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्याम बिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल ने खुशी जाहिर की है.
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हाई फ्रीक्वेंशी के ट्रांसमीटर पर काम करेगा त्रिशूल स्टूडेंट ने बताया, स्टील के त्रिशूल में हाई फ्रीक्वेंशी के दो ट्रांसमीटर लगे हैं, जो तेजी से काम करेंगे. त्रिशूल को नदी के आस-पास लगाया जाता है. इससे अटैच रिसीवर को बाढ़ की चपेट में आने वाले गांव के पिलर और खंबे पर लगाया जाएगा. जैसे ही नदी का जलस्तर खतरे के निशान से उपर बढ़ेगा तो तत्काल गांव में लगे रिसीवर में लगे LED बल्ब में अलार्म बजने लगेंगे. इससे वहां के लोग अलर्ट हो जाएंगे. उन्हें इतना समय मिल जाएगा कि वह अपनी कीमती सामान और जान बचा लें या फिर सुरक्षित स्थान पर उन्हें पहुंचाया जा सकेगा.
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