शाइस्ता-जैनब तो नहीं लेकिन STF और पुलिस ने मिल इस इनामी लेडी डॉन को दबोचा, जानें कौन है ये

संतोष सिंह

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शाइस्ता-जैनब तो नहीं लेकिन STF और पुलिस ने मिल इस इनामी लेडी डॉन को दबोचा, जानें कौन है ये
शाइस्ता-जैनब तो नहीं लेकिन STF और पुलिस ने मिल इस इनामी लेडी डॉन को दबोचा, जानें कौन है ये
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Basti News: उत्तर प्रदेश पुलिस को इस समय कई लेडी डॉन ने परेशान कर रखा है. एक तरफ एसटीएफ और पुलिस माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को खोज रही है तो दूसरी तरफ मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी की भी पुलिस को तलाश है. यहां तक की अतीक के भाई अशरफ की पत्नी जैनब को भी पुलिस खोज रही है. मगर इसी बीच यूपी पुलिस के हाथों एक सफलता जरूर हाथ लग गई है. दरअसल पुलिस और एसटीएफ ने एक ऐसी लेडी डॉ़न को पकड़ लिया है, जिसकी तलाश पुलिस को सालों से थी.

दरअसल पुलिस और एसटीएफ ने लेडी डॉन विजय लक्ष्मी चौधरी को गिरफ्तार कर लिया है. बता दें कि एसटीएफ और पुलिस को काफी लंबे से इसकी तलाश थी. मगर ये पुलिस और एसटीएफ के हाथों नहीं लग रही थी. मगर अब पुलिस ने विजय लक्ष्मी चौधरी को पकड़ लिया है और जेल की सलाखों के पीछे उसे बंद कर दिया है.

इनाम भी था घोषित

आपको बता दें कि विजय लक्ष्मी चौधरी पर गबन का आरोप है. इन आरोपों के बाद से ही वह फरार चल रही थी. विजय लक्ष्मी चौधरी ग्राम प्रधान भी रह चुकी है और इसकी इमेज दबंग मानी जाती है. फरार होने के बाद पुलिस ने इसके खिलाफ 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया था. मगर ये पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ रही थी.

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क्या है आरोप

दरअसल ये पूरा मामला वाल्टरगंज थाने के पोखरभिटवा गांव का है. सल्टौआ गोपालपुर विकास खंड के पोखरभिटवा ग्राम पंचायत के बिशुनपुर निवासी अजीत प्रताप सिंह ने डीएम को शिकायत की थी. शिकायत में आरोप था कि साल 2015 से लेकर 2020 तक ग्राम पंचायत के विकास कार्यों में अनियमितता बरती गई है और सरकारी धन का गबन किया गया है.

डीएम के निर्देश पर तत्कालीन जिला विकास अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी व तहसीलदार भानपुर की चार सदस्यीय टीम ने जांच करके आरोपों की पुष्टी की थी. इस मामले में मनरेगा व प्रथम राज्य वित्त से लगभग 10 लाख रुपये के गबन की पुष्टि हुई थी. 

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ये सामने आने के बाद तत्कालीन सहायक विकास अधिकारी पंचायत शिव कुमार लाल श्रीवास्तव की तहरीर पर पुलिस ने तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी राजन चौधरी, रमाकांत वर्मा, निशात अफरोज, मनरेगा तकनीकी सहायक अशोक कुमार चौधरी व पूर्व प्रधान विजय लक्ष्मी चौधरी के खिलाफ गबन का केस दर्ज किया था. 

विजय लक्ष्मी चौधरी कभी सामने नहीं आई

बता दें कि इस मामले में जिनपर आरोप थे वह सभी सामने आए और उनको गिरफ्तार भी किया गया. कुछ लोग पुलिस के साथ सहयोग करने के नाम पर स्टे भी ले आए और पुलिस का सहयोग करने लगे. मगर इस दौरान विजय लक्ष्मी चौधरी कभी पुलिस के सामने नहीं आई और ना ही किसी तरह का सहयोग जांच में दिया. इसके बाद पुलिस ने विजय लक्ष्मी चौधरी के खिलाफ 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया था. अब आखिरकार पुलिस ने विजय लक्ष्मी चौधरी को गिरफ्तार कर लिया.

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क्या बोले पुलिस अधिकारी

इस पूरे मामले पर एएसपी दीपेंद्र चौधरी ने बताया, “पुलिस व एसटीएफ लखनऊ की संयुक्त टीम ने आरोपित पूर्व प्रधान को बुधवार की रात मुंडेरवा से गिरफ्तार कर लिया. जेल भेजा जा रहा है.”

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