जयाप्रदा पर दिया था ‘विवादित बयान’, अब कोर्ट ने आजम पर लगाया जुर्माना, दिया ये अंतिम अवसर

आमिर खान

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समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के कद्दावर नेता आजम खान (Azam Khan) को एक बार फिर कोर्ट से झटका लगा है. अपने खिलाफ दर्ज हुए कई मुकदमों का सामना कर रहे आजम खान पर कोर्ट ने इस बार जुर्माना लगाया है. आपको बता दें कि रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने आजम खान के ऊपर 2000 रुपये का हर्जाना लगाया है.

आपको बता दें कि आजम खान के अधिवक्ता द्वारा आज स्थगन प्रार्थना पत्र लगाया गया, जिसके बाद अभियोजन पक्ष द्वारा आपत्ति लगाई गई. इसके बाद कोर्ट ने आजम खान पर 2000 रुपये का जुर्माना लगाया है. इसी के साथ कोर्ट ने आजम खान को जिरह के लिए अंतिम अवसर देते हुए 23 जनवरी की तारीख मुकर्रर की है.

कोर्ट ने अपनाया कड़ा रुख

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दरअसल, आजम खान के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. इस मामले में  ज़िरह होनी थी, लेकिन आजम खान के वकील द्वारा ज़िरह नहीं की गई और स्थगन प्रार्थना पत्र लगाया गया, जिस पर कड़ा रुख अपनाते हुए कोर्ट ने 2000 रुपये का हर्जाना आजम खान पर लगा दिया. इसी के साथ कोर्ट ने अंतिम अवसर देते हुए इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 जनवरी की तारीख मुकर्रर कर दी. अब इस मामले में गवाह से जिरह के लिए 23 जनवरी की तारीख तय की गई है.

जयाप्रदा को लेकर दिया था विवादित बयान

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दरअसल साल 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान आरोप है कि आजम खान ने भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार और फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा के खिलाफ विवादित बयान दिया था. आरोप है कि एक जनसभा में आजम खान ने जयाप्रदा के खिलाफ अश्लील तंज कसा था. इस मामले में आजम खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया था. इसी मामले में गवाह महेश चंद्र गुप्ता से कोर्ट में जिरह होनी थी.

मिली जानकारी के मुताबिक, आरोप है कि आजम खान ने जया प्रदा को लेकर कहा था कि जिसे मैं रामपुर लेकर आया था उसकी असलियत जानने में आप लोगों को 17 साल लगे, लेकिन मैं 17 दिनों में ही जान गया था कि इनके नीचे का जो अंडरवियर है वह ख़ाकी रंग का है. इसके बाद काफी सियासी हंगामा हुआ था. आजम के इस बयान की चारों तरफ से निंदा हुई थी.

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इस संबंध में अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया, “14 अप्रैल 2019 को एक सभा को संबोधित करते हुए आजम खान ने जयाप्रदा के ऊपर अश्लील टिप्पणियां की थी. इस संबंध में मुकदमा दर्ज हुआ था. महेश चंद्र गुप्ता जो उड़नदस्ता प्रभारी दल थे उनके द्वारा मुकदमा दर्ज करवाया गया था.  ज़िरह बचाव पक्ष के अनुरोध पर आज के लिए तय थी. गवाह महेश चंद्र गुप्ता गवाही के लिए लखनऊ से आए थे. मगर आजम के अधिवक्ता द्वारा आज ज़िरह नहीं की गई. उनके अधिवक्ता द्वारा आज स्थगन प्रार्थना पत्र दिया गया. मेरे द्वारा आपत्ति की गई. इसमें कोर्ट ने 2000 का जुर्माना लगाया है और ज़िरह का अंतिम अवसर देते हुए 23 जनवरी की तारीख तय की है.”

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