जिस नेता की पिटाई से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हुआ बवाल उसकी कहानी, क्या हुआ था उस रोज?

हर्ष वर्धन

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Prayagraj News: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में सोमवार को आंदोलन कर रहे विद्यार्थियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच कहासुनी के बाद जबरदस्त झड़प हुई. बता दें कि इस घटना में छात्र नेता और यूथ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव विवेकानंद पाठक समेत अन्य छात्र घायल हो गए. घटना वाले दिन क्या-क्या हुआ, इसपर यूपी तक ने विवेकानंद पाठक से खास बातचीत की है. यूपी तक से बातचीत में पाठक ने कहा कि जिन सिक्योरिटी गार्ड्स ने छात्रों पर हमला किया है, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. साथ ही पाठक ने यह भी मांग की है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों के खिलाफ जो केस दर्ज करवाया है, उसे वापस लिया जाए. खबर में आगे जानिए कौन हैं विवेकानंद पाठक और बकौल पाठक सोमवार को क्या हुआ था?

कौन हैं विवेकानंद पाठक?

34 वर्षीय विवेकानंद पाठक ने यूपी तक को बताया कि वह वर्तमान में यूथ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव हैं. पाठक ने बताया कि उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए, एमए और एलएलबी की पढ़ाई की है. NSUI के राष्ट्रीय सचिव रह चुके विवेकानंद पाठक के अनुसार, वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कई छात्र आंदोलन का हिस्सा रह चुके हैं और कई आंदोलनों का उन्होंने नेतृत्व भी किया है. बकौल पाठक, छात्रों के विभिन्न हितों के लिए लिए उन्होंने कई बार ‘लड़ाई’ लड़ी है.

‘राहुल गांधी जी मुझसे जेल में मिलने आए थे’

यूपी तक से बातचीत में पाठक ने कहा,

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“साल 2009 की बात है, जब छात्र संघ को लेकर आंदोलन चल रहा था. तमाम छात्र आंदोलन कर रहे थे. उस आंदोलन के चलते उस समय मेरे साथ करीब 22 छात्र जेल में बंद थे. तब हम सभी छात्रों की आवाज बनकर राहुल गांधी जी जेल में मुझसे मिलने आए थे.”

विवेकानंद पाठक

घटना वाले दिन क्या हुआ था?

इस सवाल के जवाब में पाठक ने कहा, “विश्वविद्यालय परिसर में स्थित एसबीआई बैंक में मेरा खाता है. बैंक का नोटिस मिलने के बाद केवाईसी अपडेट कराने के लिए मैं यहां करीब 2:30 बजे आया था. बैंक से बाहर आने के बाद मैं फीस वृद्धि को लेकर आंदोलन कर रहे छात्रों से बातचीत करने लगा. तो वहां पर सिक्योरिटी गार्ड्स से छात्रों का कुछ विवाद हुआ और थोड़ी देर बाद मामला खत्म हो गया था. इसके आधे घंटे बाद करीब 40-50 गार्ड्स साजिश के साथ हाथ में डंडे, लोहे की रॉड, बंदूक और पिस्टल लेकर आए और अचानक जानलेवा हमला कर दिया.”

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वो लोग मुझे मृत समझकर वापस चले गए थे: पाठक

उन्होंने आगे बताया, “बुरी तरह से हमारे ऊपर हमला किया गया. मैं तो गिर गया था, वो लोग मुझे मृत समझकर वापस चले गए थे. ये यूनिवर्सिटी के प्राइवेट गार्ड्स हैं. हम लोगों की मांग है कि जो भी यह सिक्योरिटी गार्ड्स की कंपनी है, उसे ब्लैकलिस्टेड किया जाए और आरोपी गार्ड्स के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो.”

पाठक ने बताया कि उनके पास वो वीडियो है, जिसमें गार्ड्स को गोली चलाते हुए देखा जा सकता है. विवेकानंद ने आरोप लगाते हुए कहा कि घटना के समय मौके पर पुलिस थी, नहीं तो सिक्योरिटी गार्ड्स छात्रों को मार देते.

क्या है फीस वृद्धि का मुद्दा?

इस सवाल के जवाब में कांग्रेस नेता विवेकानंद पाठक ने कहा, “देखिए अभी तक यूनिवर्सिटी में जो फीस थी, उसमें 400% तक की वृद्धि हुई है. जो भी छात्र इसके लिए आवाज उठाते हैं, उन्हें सस्पेंड कर दिया जाता है. उनके ऊपर केस कर दिया जाता है. फीस वृद्धि को लेकर यहां छात्र कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं.

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उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के स्नातक स्तर की शिक्षा की फीस प्रति छात्र 975 रुपये प्रतिवर्ष थी, जिसे बढ़ाकर 4,151 रुपये प्रति वर्ष कर दिया गया है. इसके साथ ही हॉस्टल फीस में भी इजाफा किया गया है. पाठक के मुताबिक, हॉस्टल फीस 12 हजार रुपये से बढ़ाकर 45 हजार रुपये कर दी गई है.

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