Maha Kumbh 2025: सीएम योगी ने श्रद्धालुओं के लिए 25,000 बेड के सार्वजनिक आश्रय स्थल की शुरुआत की
Prayagraj: Maha Kumbh 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार ने तीर्थयात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.
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Prayagraj news: Maha Kumbh 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार ने तीर्थयात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को प्रयागराज मेला क्षेत्र में 25,000 बेड क्षमता वाले 100 सार्वजनिक आश्रय स्थलों का उद्घाटन किया. इसके साथ ही कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र की भी शुरुआत की गई.
सरकार की अनूठी पहल
CM योगी ने कहा कि Maha Kumbh जैसे विशाल धार्मिक आयोजन के दौरान लाखों तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और ठहरने की सुविधाओं को सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. पारंपरिक रूप से तीर्थयात्री खुले स्थानों पर ठहरते हैं, जिससे सर्द मौसम में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इस समस्या का समाधान करते हुए, सरकार ने अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त सार्वजनिक आश्रय स्थलों की व्यवस्था की है.
सुविधाओं से लैस आश्रय स्थल
प्रत्येक आश्रय स्थल में 250 बेड की व्यवस्था है, जिनके साथ गद्दे, तकिए और साफ चादरें उपलब्ध होंगी. पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय और स्नानघर बनाए गए हैं. नियमित सफाई, स्वच्छ पेयजल, और 24x7 सुरक्षा जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं. श्रद्धालु नाममात्र शुल्क देकर इन सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे.
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नाममात्र शुल्क पर बेहतरीन सुविधा
सार्वजनिक आश्रय स्थलों के उपयोग के लिए शुल्क बेहद सुलभ रखा गया है. सामान्य दिनों में पहले दिन का शुल्क 100 रुपये और दूसरे दिन 200 रुपये होगा. मुख्य स्नान पर्व के दौरान यह शुल्क क्रमशः 200 और 400 रुपये होगा. श्रद्धालु नकद या डिजिटल माध्यम से भुगतान कर सकते हैं.
कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र की शुरुआत
Maha Kumbh मेला क्षेत्र में खोए हुए सामान और व्यक्तियों को जल्द खोजने के लिए कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र शुरू किया गया है. यह अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होगा, जो तीर्थयात्रियों को संगठित और सुरक्षित अनुभव प्रदान करेगा.
Maha Kumbh को विश्वस्तरीय आयोजन बनाने का संकल्प
CM योगी आदित्यनाथ ने कहा कि Maha Kumbh 2025 भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का वैश्विक प्रतीक बनेगा. यह आयोजन उत्तर प्रदेश और भारत की सांस्कृतिक धरोहर को विश्वस्तर पर पेश करेगा. सर्दी के कठोर मौसम में आने वाले तीर्थयात्रियों को यह पहल न केवल किफायती यात्रा का अनुभव कराएगी, बल्कि उन्हें आरामदायक और सुरक्षित वातावरण भी प्रदान करेगी.
इस अवसर पर औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी', जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, प्रयागराज के महापौर, मेला अधिकारी विजय किरण आनंद, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे.