NIRF की सूची में फिर पिछड़ा इलाहाबाद विश्वविद्यालय, जानिए कैसी रही इसकी रैंकिंग

पंकज श्रीवास्तव

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पूरब का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाला इलाहाबाद विश्वविद्यालय (University of Allahabad) एनआईआरएफ (नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क) में एक बार फिर पिछड़ गया है. इलाहाबाद विश्वविद्यालय लगातार चौथे साल देश के टॉप-200 उच्च शिक्षण संस्थानों की लिस्ट से बाहर हो गया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने NIRF 2022 की इंस्टीट्यूशनल रैकिंग जारी कर दी है.

इससे पहले 2016 की एनआईआरएफ रैकिंग में इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने ओवरऑल कैटेगरी में 68 वां स्थान हासिल किया था. इसके बाद 2017 में विश्वविद्यालय को 95वां स्थान मिला. 2018 की रैकिंग में इलाहाबाद विश्वविद्यालय टॉप हंड्रेड से बाहर हो कर 144 वें स्थान पर आ गया, लगातार 4 सालों से पूरब का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाला इलाहाबाद विश्वविद्यालय टॉप-200 में भी अपनी जगह बनाने में कामयाब नहीं हो पाया है. इस बार भी एनआईआरएफ रैंकिंग में विश्वविद्यालय टॉप-200 से बाहर हो गया है.

आपको बता दें एनआईआरएफ रैकिंग 2016 में शुरू हुई थी. वहीं इससे पहले निजी एजेंसियां शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग जारी करती थीं.

MNIT को शीर्ष 100 इंजीनियरिंग कॉलेजों की श्रेणी में 47वां जबकि ट्रिपल आईटी को 93वां स्थान मिला है. वहीं फॉर्मसी की श्रेणी में सैम हिग्गिन बॉटम इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एन्ड साइंस को 79वां स्थान हासिल हुआ है. कहीं न कहीं ये तीनों कॉलेज पिछली रैंक से नीचे पायदान पर आए हैं. 2021 में MNIT को 42वां स्थान मिल था. वहीं, ट्रिपल आईटी पिछले साल की अपेक्षा में 6 पायदान नीचे खिसक गया है. फॉर्मसी में सैम हिग्गिन बॉटम इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एन्ड साइंस को 2020 में 56वीं रैंक रही थी.

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव के मुताबिक, “हम उन कमियों को दूर करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, जो रैकिंग में सुधार के प्रयासों में बाधा डालती हैं. मुख्य रूप से खराब शिक्षक, छात्र अनुपात के कारण ये नुकसान उठाना पड़ रहा है. हमारी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया चल रही है. 100 से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति भी हो चुकी है. आगे मुझे पूर्ण विश्वास है की छात्र, शिक्षकों और गैर शिक्षण कर्मचारियों के सहयोग से हम 2023 में अच्छी रैंकिंग को हासिल करेंगे.”

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