4 सदस्यों को दिन तो 2 को रात में नहीं दिखता, बलिया के इस गरीब परिवार को आंखों की है अजीब बीमारी

अनिल अकेला

UP News: उत्तर प्रदेश के बलिया का एक गरीब दलित परिवार अजीबों-गरीब आंखों की बीमारी से परेशान है. किसी को भी समझ नहीं आ रहा है कि आखिर इस परिवार में शामिल परिजनों को आंखों की ये कैसी बीमारी हो गई है. जानिए ये अजीब मामला.

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UP News: उत्तर प्रदेश के बलिया का एक गरीब दलित परिवार अजीबों-गरीब आंखों की बीमारी से परेशान है. किसी को भी समझ नहीं आ रहा है कि आखिर इस परिवार में शामिल परिजनों को आंखों की ये कैसी बीमारी हो गई है. दरअसल परिवार में 8 सदस्य हैं और सभी को आंखों की बीमारी है. इस परिवार के 4 सदस्यों को दिन में नहीं दिखाई देता तो वहीं 2 सदस्यों को रात होने पर दिखना बंद हो जाता है. 
परिवारजनों का कहना है कि उन्होंने कई जगहों पर दिखाया. मगर कोई फायदा नहीं हुआ. सरकारी डॉक्टर इस बीमारी को समझ ही नहीं पाए. परिवार बेहद गरीब है. हर दिन रोटी के लिए भी मेहनत-मजदूरी पर निर्भर है. ऐसे में इस परिवार की ऐसी आर्थिक शक्ति नहीं है कि वह बड़े प्राइवेट अस्पतालों में या प्राइवेट डॉक्टरों के पास जाकर अपनी आंखें दिखा सकें.

पूरा परिवार आंखों की बीमारी से पीड़ित 

ये परिवार बलिया के हनुमानगंज ब्लाक के टकरसन गांव में रहता है. यहां राम प्रवेश पासी अपने 6 बेटों के साथ रहते हैं. परिवार में हरि पासी (35), रामु  (27), भानु (22), जयराम (20) सुनीता देवी और राज चलेलिया आंखों की अजीब बीमारी से पीड़ित हैं.

हरि पासी, रामु, भानु और जयराम को दिन में दिखाई नहीं देता तो सुनीता देवी और राज चलेलिया को रात में दिखाई नहीं देता. परिवार का कहना है कि उन्होंने बलिया से लेकर नेपाल, बिहार तक में दिखा लिया है. मगर किसी से कोई फायदा नहीं हो रहा है.

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तीन शेड में रहता है पूरा परिवार

बता दें कि परिवार काफी गरीब है. इस परिवार के पास राशन कार्ड, आवास, शौचालय और आयुष्मान कार्ड तक नहीं है. परिवार को किसी भी तरह की सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिलता है. ऐसे में ये पूरा परिवार बेहद गरीबी में टीन शेड वाले घर में रहने के लिए मजबूर है और किसी तरह अपना जीवन यापन कर रहा है. परिवार के सदस्यों को आज तक डॉक्टर ये भी नहीं बता पाए हैं कि आखिर उन्हें क्या बीमारी हुई है.

अब ये गांव और यहां रहने वाला ये परिवार काफी चर्चाओं में आ गया है. लोग भी इस परिवार की स्थिति देखकर अंदर से हिल गए हैं. आंखों की इस अजीब बीमारी को देखते हुए परिजनों को मजदूरी करने में भी काफी समस्या का सामना करना पड़ता है और पूरे परिवार की हर दिन की रोजी-रोटी दिन में मिलने वाली मजदूरी से तय होती है.

बीडीओ ने मदद की बात कही

इस पूरे मामले पर हनुमानगंज के बीडीओ सूर्य प्रकाश ने कहा है कि इस परिवार को हर सरकारी योजना का लाभ दिया जाएगा और इनकी परेशानी कम करने की भी कोशिश की जाएगी.

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