हमीरपुर जिला अस्पताल के ICU में ताला, वेंटिलेटर फांक रहे धूल, कैसे मिलेगा मरीजों को इलाज?
Hamirpur News: देश में एक बार फिर कोविड-19 (Covid-19) को लेकर चिंता हो गई है. कई देशों में कोरोना (Corona) के मामले लगातार बढ़ रहे…
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Hamirpur News: देश में एक बार फिर कोविड-19 (Covid-19) को लेकर चिंता हो गई है. कई देशों में कोरोना (Corona) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में कोरोना की आहट एक बार फिर सुनाई दे रही है. ऐसे में सवाल ये है कि अगर देश में कोरोना की नई लहर आती है तो क्या हमारे अस्पताल कोरोना की लहर का सामने करने के लिए तैयार हैं? ये हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि यूपी के हमीपुर जिले के सरकारी अस्पताल को देखकर नहीं लगता कि यह जिला अस्पताल कोविड की लहर का सामने करने के लिए तैयार है.
यूपी में हमीरपुर जिले का सरकारी अस्पताल कोरोना से निपटने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है, क्योंकि एक साल पहले बनाए गए ICU में ताला बंद है और वह स्टॉफ की तैनाती न होने की वजह से अभी तक चालू ही नहीं हो सका है. पूरे प्रदेश में कोरोना से निपटने के लिए सभी सरकारी अस्पतालों में मॉक ड्रिल कर के तैयारियो का जायजा लिया जा रहा है, लेकिन हमीरपुर का जिला अस्पताल का ICU अभी तक शुरू ही नहीं हो सका है. ऐसे में गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं.
लाखों की लागत से बना था ICU
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बता दें कि जिला अस्पताल में एक साल पहले ही लाखों की लागत से आईसीयू का निर्माण करवाया गया था. मगर अभी तक ICU में कर्मचारियों की तैनाती ही नहीं हुई है और आईसीयू बंद है. ऐसे में आईसीयू में रखे वेंटिलेटर और मशीनें धूल फांक रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर गंभीर ही नहीं है. स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही का नुकसान मरीजों को उठाना पड़ता है.
गंभीर मरीजों को नहीं मिल पाता इलाज
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ICU बंद होने की वजह से गंभीर मरीजों को कानपुर रेंफर कर दिया जाता है. कई बार मरीजों की मौत रास्ते में ही हो जाती है. बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल से हर महीने करीब 200 मरीज रेंफर किए जाते हैं.
बता दें कि जिला अस्पताल में करीब साल भर पहले आईसीयू चालू करने की तैयारी की गई थी। जिसको लेकर वेंटिलेटर में भी आ गए थे। लेकिन साल भर बीतने के बाद भी इस यूनिट का संचालन शुरू नहीं हो सका है. ऐसे में लाखों की लागत से बना भवन बेकार साबित हो रहा है.
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इस पूरे मामले पर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. केके गुप्ता ने बताया, “चिकित्सकों की कमी से समस्या आ रही है. तकनीकी स्टॉफ की कमी से आईसीयू को शुरू नहीं किया जा सका है. शासन को पत्र भेजा गया है. कर्मचारियों की तैनाती होते ही आईसीयू को शुरू कर दिया जाएगा.”
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