जहां हुई पांडवों को मारने की साजिश...जानिए हिंदू पक्ष को कैसे मिला 'महाभारत' के लाक्षागृह का मालिकाना हक

दुष्यंत त्यागी

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Uttar Pradesh News : बागपत के बरनावा स्थित लाक्षा गृह और कब्रिस्तान विवाद पर सोमवार को 53 साल बाद फैसला आया है. सिविल जज शिवम द्विवेदी की कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के वाद को खारिज करते हुए हिंदू पक्ष को लाक्षागृह का मालिकाना हक दे दिया. कोर्ट के इस फैसले के आते ही देश भर में बागपत के बरनावा गांव चर्चा का विषय बन गया है.दावा किया जा रहा है कि महाभारत काल में पांडवों को जान से मारने के लिए जो लाक्षागृह बनाया गया था, बागपत के बरनावा गांव में स्थित है. 

हिंदू पक्ष को मिला मालिकाना हक

 

बता दें कि बरनावा में 110 बीघे से ज्यादा जमीन को लेकर कोर्ट में मुकदमा चल रहा था. मुस्लिम पक्ष इस जमीन को सूफी संत शेख बदरुद्दीन की मजार और कब्रिस्तान का दावा कर रहा था. जबकि, हिंदू पक्ष का दावा था कि यह महाभारत कालीन लाक्षागृह है. आखिरकार, इस पूरे मामले में 53 साल बाद बागपत कोर्ट ने सोमवार को हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुना दिया है.  हिंदू पक्ष को लाक्षागृह और वहां स्थित 100 बीघा भूमि पर मालिकाना हक मिल गया है.

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53 साल से चल रहा था मुकदमा

इस पूरे मामले को लेकर हिंदू पक्ष के वकील रणवीर सिंह तोमर ने बताया कि 1970 से सिविल कोर्ट में मुकदमा चल रहा था. जिसे मुस्लिम पक्ष ने यह कहकर दायर किया  था कि ये 108 बीघा जमीन कब्रिस्तान और मजार है. इसपर हमने कहा था कि ये कब्रिस्तान या मजार नहीं बल्कि लाक्षागृह है. इस पूरे मामले को लेकर हिंदू पक्ष के वकील रणवीर सिंह तोमर ने बताया कि 1970 से सिविल कोर्ट में मुकदमा चल रहा था. जिसे मुस्लिम पक्ष ने यह कहकर दायर किया था कि ये 108 बीघा जमीन कब्रिस्तान और मजार है. इसपर हमने कहा था कि ये कब्रिस्तान या मजार नहीं बल्कि लाक्षागृह है.

 'महाभारत' काल का लाक्षागृह 

गौरतलब है कि महाभारत काल में दुर्योधन द्वारा पांडवों को जिंदा जलाने के लिए गंगा नदी के तट पर लाख का महल तैयार कराया था. महाभारत की कथा के मुताबिक विदुर ने पांडवों को दुर्योधन की इस साजिश की जानकारी दी थी.  यह जानकारी पाकर पांडव एक सुरंग बनाकर चुपचाप बाहर निकल आए थे और अपनी जान बचाई थी. महाभारत में इस घटना का विस्तार से वर्णन है. वहीं बरनावा गांव उन पांच गांवों में आता है, जो पांडव की ओर से भगवान कृष्ण ने दुर्योधन से मांगे थे. महाभारत में यह वारणाव्रत नाम से वर्णित है. हिंडन और कृष्णा नदी के तट पर यह स्थित है. गांव के साउथ में लगभग 100 फीट ऊंचा और 100 बीघे से ज्यादा जमीन पर एक टीला भी मौजूद है. 

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फिलहाल, लाक्षागृह केस में कोर्ट का फैसला अपने पक्ष में आने पर हिंदू पक्ष ने खुशी जताई है. उन्होंने इसको हिंदुओं की आस्था की जीत बताया है. वहीं, मुस्लिम पक्ष ने जिला कोर्ट में अपील करने की बात कही है. 

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