13 साल की निकिता ने 'एलेक्सा' को दी ऐसी कमांड की भाग गए बंदर, बचाई 15 माह की भांजी की जान
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले से एक अनोखा मामला सामने आया है. आपको दें कि यहां रहने वाली 13 साल की निकिता नामक किशोरी ने सही समय पर अपनी सूझबूझ से तकनीक का इस्तेमाल कर बंदरों के झुंड से ना केवल अपनी बल्कि 15 महीने की भांजी की भी जान बचाई.
ADVERTISEMENT

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले से एक अनोखा मामला सामने आया है. आपको बता दें कि यहां रहने वाली 13 साल की निकिता नामक किशोरी ने सही समय पर अपनी सूझबूझ से तकनीक का इस्तेमाल कर बंदरों के झुंड से ना केवल अपनी बल्कि 15 महीने की भांजी की भी जान बचाई. खबर में आगे जानिए निकिता ने ऐसा क्या कमाल किया, जिससे उसकी हो रही खूब तारीफ.
बता दें कि ये पूरा मामला बस्ती शहर के आवास विकास कॉलोनी का है. यहां रहने वाली 13 साल की निकिता, अपनी 15 महीने की भांजी वामिका को लेकर घर में ही खेल रही थी. दोनों घर की पहली मंजिल पर किचन के पास सोफे पर बैठे थे. इस दौरान घर पर इन दो मासूम के सिवा कोई नहीं थी. तभी बंदरों का एक झुंड घर में घुस गया और किचन में जाकर बर्तन और खाने-पीने का सामान उठाकर फेंकने लगा. अचानक बंदर को उत्पात मचाते देख दोनों बच्चियां घबरा गईं. वहीं 15 महीने की वामिका बुरी तरह से राने लगी. जैसे ही बंदरों का झुंड बच्चियों की ओर हमला करने बढ़ा वैसे ही निकिता की नजर फ्रिज पर रखे एलेक्सा डिवाइस की तरफ गई और मानों उसके दिमाग की बत्ती जल गई.
'एलेक्सा कुत्ते की आवाज निकालो'
एलेक्सा (डिवाइस) को देखते ही निकिता ने कुत्ते की आवाज निकालने की कमांड दी. कमांड पाते ही एलेक्सा कुत्ते की तरह 'भौं-भौं' की तेज आवाज करने लगा. कुत्ता भौंकने की आवाज सुनते ही बंदरों में अफरा तफरी मच गई और वे वहां से रफ्फूचक्कर हो गए.
यह भी पढ़ें...
परिवार के मुखिया पंकज ओझा ने बताया कि 'एलेक्सा का इतना बेहतर इस्तेमाल भी हो सकता है, इसके बारे में हमने कभी सोचा भी नहीं था.' इस पूरी घटना से एकबात तो साफ है कि अगर तकनीक का सही प्रयोग किया जाए, तो हम अपने साथ-साथ समाज के हित में भी कई बेहतर काम कर सकते हैं.