UPSC Result 2023: नोएडा की वर्धा खान ने हासिल की 18वीं रैंक, प्री और मेंस क्रैक करने का बताया राज

भूपेंद्र चौधरी

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Uttar Pradesh News : यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा 2023 का रिजल्ट जारी कर दिया है. इस बार UPSC परीक्षा में उत्तर प्रदेश के परीक्षार्थियों ने कमाल किया है.  लखनऊ के आदित्य श्रीवास्तव (Aditya Srivastava) ने देश की सबसे कठिन यूपीएससी की परीक्षा में टॉप कर IAS बन गए हैं तो गोरखपुर की नौशीन ने ऑल इंडिया रैंक में 9वां स्थान हासिल किया है. वहीं नोएडा की वर्धा खान ने भी कमाल किया है.  वर्धा खान ने UPSC में 18वीं रैंक हासिल की है. वर्धा परिवार में पहली बच्ची हैं जिसने UPSC क्लियर किया है. 

IAS बनने वाली परिवार की पहली सदस्य 

मूलरूप से प्रयागराज की रहने वाली वर्धा के नोएडा के सेक्टर 82 स्तिथ विवेक विहार सोसायटी में रहती है. आज UPSC का परिणाम आया, जिसमें वर्धा खान की 18वीं रैंक आई है. आज वर्धा का परिवार बेहद खुश है, रिजल्ट आने के बाद घर पर बधाई देने वालो का तांता लगा हुआ है.वहीं उनके परिवार ने बताया कि, 'वर्धा शुरू से ही पढ़ने में तेज थी, ये उनका दूसरा प्रयास था. वर्धा के मुताबिक 2022 में पहली बार जब उन्होंने UPSC का एग्जाम दिया था उनका प्री भी नहीं निकल पाया था. उसके बाद ही अपने कमियों को पहचान वर्धा ने दुबारा तैयारी शुरू की थी.'

पिता के मौत के बाद भी नहीं हारी हिम्मत

बता दें कि वर्धा की शुरुआती पढ़ाई प्रयागराज से हुआ है. 2015 में वर्धा के पिता की मौत हो गई थी, जिसके बाद वर्धा अपनी मां अफसर जहां के साथ नोएडा शिफ्ट हो गईं. 10वीं के बाद वर्धा ने कॉमर्स लिया, 12वीं के बाद ग्रेजुएशन के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया. वर्धा की मां अफसर जहां टीचर और केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाती हैं. पिता के मौत के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए वर्धा ने कॉरपोरेट नौकरी ज्वाइन की लेकिन सिविल सर्विस के तैयारी के लिए नौकरी छोड़ दी. फिर सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी.

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बताया कैसे की पढ़ाई

वर्धा ने बातचीत के दौरान बताया कि, 'वो रोजाना 7-8 घंटे पढ़ाई करती थी. 2022 में पहले प्रयास के बाद ही उन्हें समझ आ गया था कि आगे उन्हें किस तरह तैयारी करनी है.' उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए भी पुराने टॉपर्स के नोट्स पढ़ के तैयारी की. वर्धा ने बताया कि, 'वो सोशल मीडिया का अच्छा इस्तेमाल करती थी और कई डाउट उनके सोशल मीडिया से क्लियर हुए. रोजाना अखबार पढ़ती थी ताकि करेंट अफेयर्स ठीक हो सके. परिवार ने खूब सहयोग किया जिस वजह से आज वो सफल हो पाई है.'

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