लगातार आ रहे भूकंप के बाद नोएडा प्राधिकरण ने लिया हाइराइज बिल्डिंगों के लिए ये बड़ा फैसला

भूपेंद्र चौधरी

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Noida News: नोएडा प्राधिकरण की शनिवार को 207वीं बोर्ड बैठक हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए. इस दौरान प्राधिकरण की सीईओ ऋतु महेश्वरी और औद्योगिक विकास आयुक्त अरविंद कुमार मौजूद रहे. इस बोर्ड बैठक में सबसे बड़ा फैसला बहुमंजिला इमारतों के स्ट्रक्चर ऑडिट को लेकर हुआ. बता दें कि बीते कुछ दिनों से दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के कई झटके आए हैं. ऐसे में बहुमंजिला इमारतों के स्ट्रक्चर ऑडिट को लेकर कई सोसायटी मांग कर रही थीं. वहीं, प्राधिकरण ने स्ट्रक्चर ऑडिट पॉलिसी को अनुमोदित कर दिया है.

इस पॉलिसी के अनुसार, कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी करने से पहले बिल्डर्स को विशेषज्ञ संस्थाओं से स्ट्रक्चर ऑडिट करवाकर प्राधिकरण को रिपोर्ट सौंपनी होगी, उसके बाद ही स्ट्रक्चरल ऑडिट जारी किया जाएगा. अगर इसके बाद भी टावर के 25% या उससे अधिक निवासी स्ट्रक्चर डिफेक्ट की शिकायत प्राधिकरण से करते हैं तो प्राधिकरण एक टीम गठित कर जांच कराएगी कि स्ट्रक्चर डिफेक्ट माइनर है या मेजर.

इसको लेकर स्ट्रक्चर डिफेक्ट के लिए विशेषज्ञ संस्थाओं से स्ट्रक्चर ऑडिट कराया जाएगा, अपार्टमेंट ओनरशिप एक्ट के स्ट्रक्चर ऑडिट को दूर करने की जिम्मेदारी 2 साल तक बिल्डर की रहेगी, रेरा अधिनियम के अनुसार स्ट्रक्चर डिफेक्ट को दूर करने के जिम्मेदारी 5 साल तक बिल्डर की है और 5 साल के बाद एक स्ट्रक्चर ऑडिट को एओए देखेगा.

बैठक में बताया गया है कि अगर किसी बिल्डिंग का स्ट्रक्चर ऑडिट अगर नेगेटिव आता है तो कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी करने से 5 साल के अंदर तक स्ट्रक्चर डिफेक्ट को बिल्डर दूर करवाएगा. 2 साल से 5 साल के बीच अगर कोई डिफेक्ट बिल्डिंग में होता है, तो उसे किसी स्थापित एजेंसी से ऑडिट करवा कर जो कमी निकलेगी ठीक करवाने के लिए रेरा बिल्डर से कहने के लिए प्राधिकरण को बताएगा. वहीं, 5 साल से ज्यादा की पुरानी बिल्डिंग के स्ट्रक्चर ऑडिट डिफेक्ट करने की जिम्मेदारी एओए कि रहेगी.

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