किराए पर रहने को मजबूर नोएडा अथॉरिटी के नए CEO, ट्रांसफर हो चुके अधिकारी नही छोड़ रहे बंगला

भूपेंद्र चौधरी

Noida News: अभी तक आपने राजनेताओं के सरकारी बंगलों के मोह के बारे में अक्सर सुना होगा. बड़े से बड़े नेता मंत्री पद, सांसदी या…

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Noida News: अभी तक आपने राजनेताओं के सरकारी बंगलों के मोह के बारे में अक्सर सुना होगा. बड़े से बड़े नेता मंत्री पद, सांसदी या विधायकी जाने के बाद अपना सरकारी बंगला आसानी से खाली नहीं करते हैं. मगर अब शायद ये मोह सरकारी अधिकारियों को भी होने लगा है. दरअसल नोएडा विकास प्राधिकरण के नए नवेले सीईओ लोकेश एम किराए के मकान में रहने के लिए मजबूर हैं, क्योंकि प्राधिकरण का सरकारी बंगला अभी तक खाली नहीं किया गया है. इस कारण नए सीईओ लोकेश एम फिलहाल किराए के मकान में रह रहे हैं.

किराए पर रहने को मजबूर सीईओ

मिली जानकारी के मुताबिक, नोएडा विकास प्राधिकरण के अफसरों के लिए पांच बंगले बनाए गए हैं. मगर हाल कुछ ऐसे हैं कि इसमें से एक भी बंगला फिलहाल खाली नहीं है. इस वजह से सीईओ साहब फिलहाल किराए के घर में रहने के लिए मजबूर हैं. 

रिटायर हो चुके अधिकारी अभी भी रह रहे

मिली जानकारी के मुताबिक, नोएडा प्राधिकरण द्वारा अधिकारियों के लिए बनाए 5 बंगलों में कोई भी खाली नही है. इन बंगलों में मौजूदा अधिकारी, कुछ रिटायर हो चुके अधिकारी रह रहे हैं. यहां तक की इन बंगलों में कुछ ऐसे अधिकारी भी रह रहे हैं, जिनका ट्रांसफर भी हो चुका है. ऐसे में नए नवेले सीईओ को किराए के मकान में रहना पड़ रहा है. 

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रितु महेश्वरी को लेकर भी हो रही ये चर्चा

बता दें कि इस तरह की भी चर्चाएं हैं कि नोएडा प्राधिकरण की पूर्व सीईओ और मौजूदा समय मे आगरा मंडल की कमिश्नर ऋतु महेश्वरी ने नोएडा प्राधिकरण के बंगले को खाली करने से मना कर दिया है. ऐसे में नए सीईओ को सरकारी बंगला नहीं मिल रहा है और वह किराए के मकान में रह रहे हैं. 

गौरतलब है कि हाल ही में लंबे समय के बाद नोएडा प्राधिकरण के बड़े अधिकरियों का तबादला हुआ था. लंबे समय से आईएएस रितु माहेश्वरी नोएडा प्राधिकरण के सीईओ पद पद पर तैनात थी. उन्हें आगरा मंडल कमिश्नर बनाया गया था. तो वहीं नोएडा की जिम्मेदारी आईएएस लोकेश एम को सौंपा गया था.

बता दें कि इससे पहले  आईएएस लोकेश एम कानपुर मंडल के कमिश्नर थे. बता दें कि रितु माहेश्वरी की गिनती प्रदेश के ताकतवर अधिकारियों में होती है. फिलहाल नए सीईओ किराए के मकान में ही रह रहे हैं. देखना ये होगा कि प्राधिकरण इस समस्या का हल कैसे निकालता है.

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