यूपी के इस शहर की बात निराली, जानें चंद्रवाड़ से फिरोजाबाद बनने की ये दिलचस्प कहानी
Firozabad News: देश के सबसे बड़े प्रदेशों में से एक उत्तर प्रदेश में आज भी ऐसे अनगिनत किस्से दफन हैं, जिनके बारे में शायद आप…
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Firozabad News: देश के सबसे बड़े प्रदेशों में से एक उत्तर प्रदेश में आज भी ऐसे अनगिनत किस्से दफन हैं, जिनके बारे में शायद आप जानते भी नहीं होंगे. इनमें कई ऐतिहासिक किस्से भी शामिल हैं. यूपी के जिलों की खास बात यह है कि हर जिले की एक अलग विशेषता है, ऐसे ही कहानी यूपी के जिले फिरोजाबाद की है जो उसे अलग पहचान देती है.
फिरोजाबाद का पुराना नाम चंदवाड़ था. उस समय चंदवार के राजा चंद्रसेन थे. चंदाप्रभु भगवान की प्रतिमा और राजा चंद्रसेन के नाम के कारण इस जगह का नाम चंदवाड़ पड़ा.
कांच की चूड़ियों का शहर
लाल, हरी नीली, पीली रंग बिरंगी कांच की चूड़ियों के लिए विश्वविख्यात शहर फिरोजाबाद में लगभग 200 कारखाने हैं जिनमें कई तरह के कांच उत्पाद बनाए जाते हैं। खास बात ये है कि कांच की चूड़ी किसी मशीन से नही बल्कि कुशल कारीगरों द्वारा हाथों से (पूर्णतया हेंडीक्राफ्ट से) बनाई जाती है। पूरे भारत मे केवल फिरोजाबाद में ही कांच की चूड़ियों का उत्पादन किया जाता है.
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ऐतिहासिक धरोहर
फिरोजाबाद में ऐतिहासिक जैन मंदिर है जहां भगवान महावीर स्वामी की एशिया की दूसरी सबसे बड़ी मूर्ति स्थापित की गई है, शहर के उत्तर में 10 किलोमीटर दूर सन्ति शिव मंदिर है बताया जाता है कि इस मंदिर में शिवलिंग की स्थापना महाराज शांतनु ने की थी भीष्म पितामह में ने भी इस शिवलिंग का अभिषेक किया था. फिरोजाबाद शहर में अतिप्राचीन हनुमान मंदिर, कैला देवी मंदिर है. यमुना की तलहटी में बसा राजा चंद्रसेन का किला चंद्रवार का किला है, जसराना इलाके में पाढ़म गांव में राजा परीक्षित का किला तथा वैष्णो देवी धाम मंदिर प्रमुख है
चंद्रवाड़ के फिरोजाबाद बनने की कहानी
चंद्रवाड के फिरोजाबाद बनने का इतिहास भी बड़ा ही रोचक है. मुग़ल शासक अकबर का किला आगरा में था. फिरोजाबाद (पुराना नाम चंद्रवाड़) के आसपास के इलाके के वाशिंदों को लुटेरे लूट लिया करते थे. जब ये बात अकबर तक पहुंची तो वर्ष 1566 में अकबर ने अपने एक मनसबदार (सिपाह सलाहकार) फिरोजशाह की नियुक्ति उस समय के चंद्रवाड़ में कर दी, ताकि लूटपाट की घटना पर रोक लगे. फिरोजशाह के नाम पर ही इस शहर का नाम फिरोजाबाद रखा गया. फ़िरोज़शाह की मौत के बाद उन्हें शहर में ही दफनाया गया. अभी भी नगर निगम के सामने फिरोजशाह का एक मकबरा है.
यमुना नदी की तलहटी में बना है किला
फिरोजाबाद में 7 किलोमीटर दक्षिण में यमुना नदी है वर्तमान में इस यमुना नदी से बहुत बड़े इलाके में सिंचाई की जाती है. वैसे तो फिरोजाबाद में कोई पहाड़ी स्थल नहीं है लेकिन फिर भी अब राजा चंद्रसेन के किला के अवशेष अब भी देखे जा सकते हैं.