तेरा-मेरा याराना! अमेठी के आरिफ और सारस की अनोखी दोस्ती, साए की तरह रहता है साथ

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Uttar Pradesh News: कहते हैं की इंसान ही लोगों के साथ दोस्ती नहीं कर सकता पशु-पक्षी भी बिना स्वार्थ लोगों से दोस्ती निभाते हैं. ऐसा ही एक अजब गजब मामला यूपी के अमेठी का है. यूपी के अमेठी में 30 वर्षीय युवक का कोई इंसान नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश का राष्ट्रीय पक्षी सारस दोस्त है. युवक ने सारस पक्षी की घायल अवस्था के दौरान मदद की जिसके बाद पक्षीं ने इसे अपना सबकुछ मान लिया और करीब 1 साल से पक्षी युवक के साथ ही रहता है. युवक जहां भी जाता है सारस पक्षी उसी के साथ उसका सारथी बनकर उसके साथ जन्म जन्मांतर का रिश्ता निभा रहा है.स्थानीय लोग भी आरिफ और सारस की दोस्ती की मिसाल देते हैं.

दोस्त की तरह रहता है सारस

दरअसल, यह पूरा मामला अमेठी जनपद के जामो विकासखंड के मंडका गांव का है. यहां के रहने वाले 30 वर्षीय आरिफ के साथ उत्तर प्रदेश का राष्ट्रीय पक्षी सारस दोस्त बनकर रहता है. वर्ष 2022 के अगस्त माह में इस पक्षी से आरिफ की मुलाकात उस समय हुई जब यह अच्छी जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा था. और आरिफ ने इस पक्षी की जान बचाकर पक्षी के मन में अपने प्रति अनोखा प्रेम जागृत कर दिया और करीब 1 वर्ष से राष्ट्रीय पक्षी सारस के आरिफ और उनके परिवार के साथ ही रह रहा है

सारस पक्षी आरिफ के घर पर रहने के साथ-साथ हर जगह आरिफ का साए की तरह पीछा करता है. आरिफ जहां जहा जाते हैं वह वहां वहा उनके साथ जाता है आरिफ पैदल जाए या मोटरसाइकिल से हर जगह सारस हमसफर बनकर आरिफ के साथ ही रहता है. सारस पक्षी ने आरिफ के साथ अपना रिश्ता बना लिया है. आरिफ के परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे के साथ उनके माता-पिता रहते हैं. पूरे परिवार के लोग रहने वाले सारस पक्षी को अपने परिवार के सदस्य की तरह दुलार करते हैं.

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पूरा परिवार करता है प्यार

मोहमद आरिफ ने बताया की यह सारस पक्षी हमको एक साल पहले मिला था. इस पक्षी का पैर टूट गया और खेत में घायल अवस्था में यह हमें मिला था. हमने इसका इलाज कराया और इसे घर लाकर खाना भी खिलाया. जिसके बाद से यह हमारे साथ ही रहता है. हम चाहते भी थे कि यह चला जाए लेकिन या नहीं गया. हमारी दोस्ती इतनी गहरी है कि हम जहां जहां जाते हैं, वहां-वहां मेरे साथ जाता है. साथ ही फिर हमारे साथ ही वापस घर चला आता है. यह पूरी तरीके से आजाद है. इस पर किसी भी प्रकार की कोई पाबंदी नहीं है और यह आसमान में भी उड़ कर दिन ढलने के बाद ही हमारे घर वापस चला आता है. पक्षी से हमें परिवार के सदस्य जैसा लगाव हो गया है.

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