मायावती को पंसद नहीं आया भतीजे का ये अंदाज...जानें आकाश आनंद को क्यों पड़ा उत्तराधिकार से हाथ धोना
Uttar Pradesh News : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को एक बड़ा एलान किया. उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद को राजनीति वारिस के पद से हटा दिया है, साथ ही उन्हें अपरिपक्व करार दिया है.
ADVERTISEMENT
Uttar Pradesh News : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को एक बड़ा एलान किया. उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद को राजनीति वारिस के पद से हटा दिया है, साथ ही उन्हें अपरिपक्व करार दिया है. दोनों पदों से हटाए जाने के बाद चर्चा का बाजार गरमाया हुआ है. लोकसभा चुनाव के बीच मंगलवार को मायावती ने अपना फैसला वापस ले लिया. अब सवाल उठ रहे हैं कि चुनाव के बीच बसपा में इस बड़े फेरबदल का क्या कारण है. आकाश आनंद को जब लॉन्च किया गया, खासकर यूपी में तो उन्हें काफी अटेंशन मिल मिल रही थी.
आकाश आनंद का क्यों हुआ पत्त साफ
आकाश आनंद को सुनने के लिए उनकी सभाओं में आ रहे थे. सभी को लग रहा था कि बसपा अपने असली मूवमेन्ट को वापस हासिल कर रही है. लेकिन आकाश आनंद के कुछ बयानों ने बसपा को काफी डैमेज किया. कुछ दिनों पहले उन्होंने सीतापुर में बीजेपी सरकार को 'आतंक की सरकार' करार दिया था, जिसके बाद उन पर एफआईआर भी दर्ज हो गई थी. इसके अलावा दो-तीन जगहों पर बयान देते वक्त वह इतने जोश में आ गए कि उनके मुंह से गाली जैसे शब्द निकल पड़े. आवेश में दिए उनके बयानों की भी काफी आलोचना हो रही थी जिसमें 'जूते मारने का मन करता है' जैसे बयान शामिल हैं.
ये बयान बने दुश्मन
आकाश की दो चुनावी सभा में आम बोलचाल में बोली जाने वाली "गाली" शब्द का प्रयोग हुआ. योगी सरकार के लिए आतंक की सरकार जैसे शब्द का इस्तेमाल किया गया. इसके बाद बसपा सुप्रीमो को लगा कि केंद्र और योगी सरकार से सीधा पंगा उनके सियासी भविष्य को खतरे में डाल सकता है. जब मामले दर्ज होने शुरू हुई तो मायावती ने आकाश को इससे अलग रखना ही बेहतर समझा.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
आकाश आनंद ने आज तक से खास इंटरव्यू में बताया था कि, 'जब उन्हें यह जिम्मेदारी सौंप जा रही थी तब मायावती ने यह कहा था कि यह पार्टी की जिम्मेदारी नहीं है. यह बहुजन मूवमेंट की जिम्मेदारी है. इसलिए गलती की कोई गुंजाइश नहीं है और जैसे दूसरों को पदों से हटाया गया है, वैसे उन्हें भी हटाया जा सकता है. मायावती आकाश आनंद के सियासत के तौर तरीकों से नाराज थी.
बसपा का एक वर्ग था नाराज
आकाश आनंद पार्टी में एक नए ध्रुव के तौर पर उभर रहे थे, जिससे कई बड़े नेता असहज थे. जिस तरीके से आकाश आनंद के पब्लिक रैलियों की डिमांड बढ़ने लगी थी उससे कई बड़े नेताओं में सुरक्षा की भावना भी घर कर रही थी. चर्चा यह भी है कि आकाश आनंद की रैलियां मायावती की रैलियां से ज्यादा डिमांड में थे और वह मायावती की रैलियां को ओवरशैडो कर रहे थे. जिससे मायावती के करीबी नेताओं का एक वर्ग नाराज था और लगातार शिकायत मायावती से कर रहा था.
ADVERTISEMENT
तो मायावती ने इसलिए लिया ये फैसला
लेकिन अंदर खाने एक चर्चा और बहुत अहम है कि मायावती किसी सूरत में अपने भविष्य की विरासत को केस मुकदमों में फंसा नहीं देखना चाहती थी. जिन्हें बीएसपी की विरासत संभालनी हो और इस मूवमेंट को आगे बढ़ा्ना हो वह अदालतों के चक्कर लगाए.अपने नेतृत्व को सुरक्षित रखने के लिहाज़ से मायावती ने फिलहाल आकाश को दूर करने का फैसला किया है. मायावती ने अपने पोस्ट में आकाश को नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से हटाते हुए यह लिखा है कि फिलहाल उनकी अपरिपक्वता को देखते हुए फैसला लिया जा रहा है. यानी मायावती ने आगे के रास्ते आकाश के लिए बंद नहीं किया लेकिन कुछ वक्त के लिए उन्हें बीएसपी की मुख्य धारा की सियासत से अलग किया है. ताकि भविष्य के अपने इस चेहरे को बचाया जा सके.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT