मनीष गुप्ता केस: CBI की अर्जी पर कोर्ट ने बढ़ाई आरोपियों की 14 दिन की ज्‍यू‍डिशियल कस्‍टडी

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कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्‍ता की होटल में संदिग्‍ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पहली बार गोरखपुर के सीजेएम कोर्ट पहुंची. सीबीआई ने आरोपियों की 14 दिन की ज्यूडिशियल रिमांड बढ़ाने के लिए अर्जी दाखिल की. जिसे कोर्ट ने स्‍वीकार करते हुए आरोपियों की 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्‍टडी बढ़ा दी. अब सीबीआई को साक्ष्‍य जुटाने के लिए समय मिल गया है.

सीबीआई कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्‍ता की संदिग्ध मौत के मामले में तह तक जाने के लिए पिछले एक हफ्ते से गोरखपुर में डेरा डाली हुई है. सीबीआई ने अभी तक मनीष के परिचितों और मानसी अस्‍पताल के चिकित्‍सक और कर्मचारियों से मामले में पूछताछ की है. अभी तक सीबीआई ने आरोपियों से पूछताछ नहीं की है.

हालांकि, एसआईटी कानपुर के अधिकारियों से सीबीआई टीम ने बारीकी से घटनाक्रम को समझने और उनके द्वारा साक्ष्‍य संकलन और सुबूतों के बारे में जानकारी हासिल की है.

मनीष गुप्‍ता के परिचित चंदन सैनी, राणा प्रताप चंद, धनंजय त्रिपाठी और दो अन्‍य के साथ दो बार सीबीआई ने पूछताछ की है. सीबीआई के अधिकारी रामगढ़ताल थाना और होटल कृष्‍णा पैलेस और कमरा नंबर 512 की अभी जांच करेंगे. इसके अलावा आरोपियों से भी इस मामले में अलग-अलग पूछताछ की जाएगी.

आरोपियों के अधिवक्‍ता पीके दुबे ने बताया, “चार्जशीट यहीं (गोरखपुर) पर फाइल हो जाने के बाद ट्रायल दिल्‍ली शिफ्ट होगा. सीबीआई को पहली रिमांड से 90 दिन के भीतर चार्जशीट फाइल करनी होती है. 90 दिन पूरा नहीं हुआ है. सीबीआई के पास अभी पूरा समय है. सीबीआई लखनऊ की टीम जांच करके यहां चार्जशीट फाइल करेगी. आरोपियों को अभी दिल्‍ली ले जाने का कोई आदेश नहीं आया है.”

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क्या था मामला

सितंबर महीने में गोरखपुर के रामढ़ताल थाना क्षेत्र के होटल कृष्‍णा पैलेस में रुके मनीष गुप्ता की पुलिस दबिश के बाद स‍ंदिग्‍ध पर‍ि‍स्थितियों में मौत हो गई थी.

मनीष की पत्‍नी मीनाक्षी गुप्‍ता ने आरोप लगाया था, “रामगढ़ताल थाने के इंस्पेक्टर मुख्‍य आरोपी जेएन सिंह, उप निरीक्षक अक्षय मिश्रा, उप निरीक्षक राहुल दुबे, उप निरीक्षक विजय यादव, मुख्‍य आरक्षी कमलेश यादव और आरक्षी प्रशांत ने दबिश के दौरान उनके पति मनीष की पीट-पीट कर हत्‍या कर दी थी.”

इस मामले में एसआईटी कानपुर ने जांच की थी. इसी दौरान सभी 6 आरोपियों को अक्‍टूबर महीने में बारी-बारी से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. मनीष की पत्‍नी मीनाक्षी की मांग पर केस को सीबीआई को सौंप दिया गया.

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