पुलिस और STF की गोली लगने से पहले अनुज प्रताप सिंह के आखिरी शब्द क्या थे? सब पता चल गया
सुल्तानपुर लूट कांड के आरोपी अनुज प्रताप सिंह के पुलिस और STF की गोली लगने से पहले आखिरी शब्द क्या थे? जानिए पूरी घटना और उनका अंतिम बयान.
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UP Anuj Pratap Singh Encounter News: 28 अगस्त को उत्तर प्रदश के सुलतानपुर जिले में सर्राफा कारोबारी के यहां हुए लूटकांड मामले में यूपी STF को सोमवार तड़के एक बड़ी सफलता हाथ लगी. बता दें कि इस लूटकांड के आरोपी मंगेश यदाव के बाद STF ने आज अनुज प्रताप सिंह नामक आरोपी को भी एनकाउंटर में ढेर कर दिया. इस दौरान अनुज का एक साथी मौके से फरार हो गया, जिसकी अब तलाश की जा रही है. इस बीच अनुज से जुड़ी एक बड़ी जानकारी निकलकर सामने आई है. अनुज प्रताप सिंह के पुलिस और STF की गोली लगने से पहले आखिरी शब्द क्या थे, इस बात का पता चल गया है.
मिली जानकारी के अनुसार, गोली लगने से पहले अनुज प्रताप सिंह ने अपने साथी से कहा था, "गोली मार इनको. पुलिस की टीम है, पकड़ लेगी तो जिंदा नहीं छोड़ेगी." इस बात का जिक्र अनुज के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर में हुआ है.
कौन था अनुज प्रताप सिंह?
अनुज प्रताप सिंह अमेठी के जनापुर का रहने वाला बताया जा रहा है. इसे सुलतानपुर डकैती कांड के मास्टरमाइंड विपिन सिंह का खास गुर्गा भी कहा जा रहा है. गुजरात के सूरत में हुई एक डकैती में भी यह विपिन सिंह के साथ शामिल रह चुका है. सुलतानपुर डकैती कांड में अनुज प्रताप सिंह ऐसा दूसरा आरोपी है जिसे पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर किया है. मंगेश यादव और अनुज प्रताप सिंह के अलावा बाकी आरोपियों ने सरेंडर किया है या पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है. बीते दिनों हुए एक एनकाउंटर में पुलिस ने आरोपी के पैर में गोली मार उसे अरेस्ट किया था.
28 अगस्त को जब लूट हुई तब मौके पर मौजूद था अनुज
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28 अगस्त को जब आभूषण कारोबारी के यहां डकैती पड़ी थी, तो पूरे गैंग को अनुज प्रताप सिंह ही लीड कर रहा था. अनुज ने सफेद शर्ट पहन रखी थी और सीसीटीवी में देखा गया कि इसी ने पिस्तौल निकालकर पहले गार्ड को अपने कब्जे में लिया. लूट के बाद बाइक पर सबसे बड़ा बैग रखकर पीछे से बैठने वाला भी अनुज ही बताया जा रहा है.
इस सुलतानपुर लूटकांड से जुड़े कितने आरोपी पकड़े गए?
सुलतानपुर के लूटकांड में शामिल 14 बदमाशों में अबतक 11 आरोपी या तो पकड़े गए हैं या एनकाउंटर हुआ है. गैंग का सरगना बताए जाने वाले विपिन सिंह ने वारदात के अगले ही दिन यानी 29 अगस्त को रायबरेली कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. 3 सितंबर को सुलतानपुर कोतवाली क्षेत्र में पुष्पेंद्र सिंह, त्रिभुवन कोरी और सचिन सिंह को पुलिस ने एनकाउंटर में घायल कर गिरफ्तार किया था. ये तीनों रेकी करने और घटना वाले दिन बोलैरो से भागने के बैकअप प्लान के लिए रखे गए थे.
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