क्या यही तीनों हैं बरेली में आधा दर्जन महिलाओं के सीरियल किलर! जानिए जुर्म की पूरी दास्तां
Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली में थाना शाही क्षेत्र में अब तक आधा दर्जन से अधिक महिलाओं की रहस्यमय ढंग से हत्या हो चुकी है. मगर अभी तक पुलिस कातिल को नहीं पकड़ सकी है.
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Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली में थाना शाही क्षेत्र में अब तक आधा दर्जन से अधिक महिलाओं की रहस्यमय ढंग से हत्या हो चुकी है. मगर अभी तक पुलिस कातिल को नहीं पकड़ सकी है. इन सभी हत्याओं का तरीका लगभग एक जैसा ही मिला है, जिस वजह से इलाके में दहशत का माहौल है. काफी छानबीन के बाद बरेली पुलिस ने तीन स्केच जारी करे हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि ये सीरियल किलर के स्केच हैं, जिन्होंने इन महिलाओं की हत्या की है.
गांव में पहुंचे एसपी देहात मानुष पारीक ने कई इलाकों में जाकर लोगों को जागरुक भी किया और लोगों से आग्रह किया है अगर उनकी जानकारी किसी को मिलती है तो इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी जाए. पुलिस ने लोगों को आश्वस्त किया है कि जानकारी देने वाले की पहचान उजागर नहीं की जाएगी.
कई जगह चस्पा किए स्केच के पोस्टर
पुलिस ने कुछ सीरियल किलर के स्केच तैयार किए हैं. तीन स्केच को रोडवेज, रेलवे स्टेशन, टेंपो स्टैंड समेत कई सार्वजनिक स्थानों को चस्पा किया गया है. लोगों को भी सूचित किया गया है कि अगर किसी को भी इनके बारे में जानकारी मिलती है तो इसकी सूचना पुलिस को दी जाए.
2023 से शुरू हुआ था महिलाओं की हत्या का सिलसिला
जानकारी के लिए बता दें कि बरेली के थाना शाही क्षेत्र में महिलाओं की हत्या का सिलसिला शुरू हुआ था. तभी से इलाके में दहशत का माहौल है. 2 जुलाई 2024 को भी एक महिला की हत्या से इलाके में फिर से दहशत फैल गई थी. इन हत्याओं में कुछ बातें कॉमन थीं. जितनी भी महिलाओं की हत्या हुई, उनमें से अधिकांश महिलाएं शाम को खेत से काम करके लौट रही थीं, लेकिन घर नहीं पहुंच सकीं. इन महिलाओं की उम्र 45 से 65 वर्षीय के बीच रही. हत्या करने के बाद लाश को खेत में ही फेंक दिया गया. कातिल ने ज्यादा उम्र की महिलाओं की ही हत्या को टारगेट बनाया और घटना को अंजाम दिया.
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शाम होते ही गांव में पसर जाता है सन्नाटा
शाही थाना क्षेत्र में शाम होते ही पूरी तरह से सन्नाटा पसर जाता है. एक के बाद एक महिलाओं की हत्या से इलाके में इस कदर दहशत है कि अब महिलाएं घर के काम से भी शाम के बाद निकलने से डर रही हैं. गांव के लोग भी रात होने से पहले ही घर को लौट आते हैं. सड़कें सुनसान हो जाती हैं.
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