वाराणसी में बंदरों का आतंक झेल रहे लोग, धरपकड़ पर रोक, Varanasi Tak पर देखें वीडियो रिपोर्ट
बंदरों के आतंक को झेल रहे वाराणसी (Varanasi News) के लोगों के लिए यह अच्छी खबर नहीं है, क्योंकि फिलहाल उत्पाती बंदरों की धरपकड़ पर…
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बंदरों के आतंक को झेल रहे वाराणसी (Varanasi News) के लोगों के लिए यह अच्छी खबर नहीं है, क्योंकि फिलहाल उत्पाती बंदरों की धरपकड़ पर…
बंदरों के आतंक को झेल रहे वाराणसी (Varanasi News) के लोगों के लिए यह अच्छी खबर नहीं है, क्योंकि फिलहाल उत्पाती बंदरों की धरपकड़ पर रोक लग चुकी है. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि नगर निगम की ओर से बंदरों को पकड़ने के लिए चलाया जा रहा अभियान रुक चुका है, क्योंकि वन विभाग आगे और बंदरों को पकड़ने की अनुमति नहीं दे रहा है.
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पिछले दो हफ्तों से नगर निगम की ओर से वन विभाग से मांगी गई अनुमति के बावजूद किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आने से बंदरों की धरपकड़ वाराणसी में रुक चुकी है, जिससे बंदरों का आतंक दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है.
इस बारे में और ज्यादा जानकारी देते हुए नगर निगम के पशु चिकित्सा और कल्याण अधिकारी डाॅ. अजय प्रताप सिंह ने बताया,
“टेंडर के जरिये पूरे 2022-23 सत्रों के लिए संस्था का चयन करके बंदरों को पकड़ने की कार्रवाई जारी थी. इसी कड़ी में वन विभाग की अनुमति के बाद 200 बंदरों को पकड़ा भी जा चुका है. फिर से वन विभाग से 3000 बंदरों को पकड़ने की अनुमति बीते 25 अगस्त को ही मांगी गई थी. जिसपर वन विभाग शासन की अनुमति के मिलने के बाद आगे अनुमति देगा. फिर कहीं जाकर बंदरों को पकड़ने की अगली कार्रवाई शुरू हो जाएगी.”
डाॅ. अजय प्रताप सिंह
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उन्होंने आगे स्वीकारा कि इस बीच बंदरों का आतंक बढ़ गया है और लोग जख्मी भी हो रहे हैं और आम जनमानस पर बंदर हमला भी कर रहे हैं. ऐसे में मथुरा से आकर वाराणसी में रुकी मंकी कैचर की टीम भी इंतजार कर रही है. प्रति बंदर को पकड़ने से लेकर उसको जंगलों में छोड़ने के लिए नगर-निगम एक हजार रुपये भुगतान करता है. रोजाना बंदरों के काटने की शिकायत लगभग आधा दर्जन तक आ जाती है.
इस खबर की शुरुआत में टॉप में शेयर किए गए Varanasi Tak के वीडियो पर क्लिक कर पूरी रिपोर्ट विस्तार से देखें.
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