वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में एक बार फिर से हिंदू पक्ष में दिखा दो फाड़
वाराणसी जिले के ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले ( Gyanvapi Masjid and Shringar Gauri Case) में कार्बन डेटिंग को लेकर 2 फाड़ में हो…
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वाराणसी जिले के ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले ( Gyanvapi Masjid and Shringar Gauri Case) में कार्बन डेटिंग को लेकर 2 फाड़ में हो…
वाराणसी जिले के ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले ( Gyanvapi Masjid and Shringar Gauri Case) में कार्बन डेटिंग को लेकर 2 फाड़ में हो चुके हिंदू पक्ष की आपसी लड़ाई अब कोर्ट में खुलकर सामने आ चुकी है.
वाराणसी के फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में जहां एक और किरण सिंह की तरफ से दाखिल मुकदमे, जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद हिंदुओं को सौंपने और मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक को पोषणीय मानते हुए कोर्ट अब सुनवाई के लिए तैयार हो चुकी है तो वही श्रृंगार गौरी के केस में जिला जज की अदालत में चारों याची महिलाओ ने जिला जज की अदालत में यह गुहार लगाई थी कि फास्ट ट्रेक कोर्ट का केस जिला जज की अदालत में चलने वाले श्रृंगार गौरी के केस में जोड़ते हुए सुनवाई की जाए. इसी मामले में सोमवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई करते हुए फास्ट ट्रेक कोर्ट के वादियों से लिखित में आपत्ति मांगी है और सुनवाई की अगली तिथि 30 नवंबर की तय की है.
ज्ञानवापी मामले में चार वादी महिलाओं की तरफ से फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहे मुकदमा 712/2022 भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान द्वारा किरन सिंह “विसेन” वह अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य वाले मुकदमे की सुनवाई पर स्टे और जिला जज की अदालत में चल रहे श्रृंगार गौरी के से अटैच करने की मांग वाली याचिका पर आज जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई.
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इस मुकदमे को न्यायालय में स्टे करवाने और उसकी प्रोसीडिंग को रोकने के लिए वाराणसी की 4 वादी महिलाओ ने 15 नवंबर 2022 को एप्लीकेशन दी थी. लेकिन उपरोक्त मुकदमे में 17 नवंबर को फास्ट ट्रैक कोर्ट की तरफ से पोषणीय मानते हुए आदेश भी आ चुका है.
सोमवार को लंच के बाद जिला जज की अदालत में चारों वादी महिलाओं की तरफ से दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई, जिसमें जिला कोर्ट ने फास्ट ट्रेक कोर्ट के ज्ञानवापी वाले केस ज्ञानवापी मस्जिद हिंदुओं को सौंपने और मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक में वादियों से लिखित आपत्ति मांग ली है और सुनवाई की अगली तिथि 30 नवंबर की तय की है.
वहीं एक ओर हिंदू पक्ष से चारों वादी महिलाओं के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी की मानें तो कोर्ट के समय के साथ वादियों के समय को बचाने के लिए दोनों ही के केस को आपस में मर्ज करने की मांग की गई है, क्योंकि दोनों ही केस का नेचर एक है. जबकि दूसरे हिंदू धड़े यानी विश्व वैदिक सनातन संघ के कार्यकारी अध्यक्ष संतोष सिंह ने इसको हिंदुओं से गद्दारी और केस को कमजोर करने की साजिश के साथ मुस्लिम पक्ष से मिले होने का भी आरोप लगाया.
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इस मामले से जुड़ी वीडियो रिपोर्ट को खबर की शुरुआत में शेयर किए गए Varanasi Tak के वीडियो पर क्लिक कर देखें.
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