BHU: एग्जाम में बीफ से जुड़े सवाल पूछने पर अब नया बखेड़ा, छात्रों ने की कुलपति से शिकायत

रोशन जायसवाल

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वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में अब परीक्षा में पूछे गए एक सवाल पर नया बखेड़ा इसलिए खड़ा हो गया है, क्योंकि प्रश्न पत्र…

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वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में अब परीक्षा में पूछे गए एक सवाल पर नया बखेड़ा इसलिए खड़ा हो गया है, क्योंकि प्रश्न पत्र के पीछे गो हत्या की पढ़ाई का आरोप लगाया जा रहा है. दुग्ध विज्ञान एवं खाद्य प्रौद्योगिकी विभाग के कैटरिंग एंड होटल मैनेजमेंट के अंतर्गत बैचलर ऑफ वेकेशन कोर्स के दूसरे सेमेस्टर के फूड प्रोडक्शन ऑपरेशन प्रश्न पत्र में बीफ से संबंधित सवाल पूछा गया था.

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अब इस सवाल से नाराज कुछ छात्रों ने इसकी शिकायत कुलपति से करते हुए प्रश्नपत्र बनाने वाले सभी लोगों पर सख्त कार्यवाही और बर्खास्तगी की मांग की है.

प्रश्न पत्र में पूछा गया सवाल कुछ इस प्रकार रहा-

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प्रश्न पत्र के पेज नंबर 3 पर फिर से बीफ से संबंधित एक बहुविकल्पी प्रश्न 3 पूछा गया जो इस प्रकार रहा-

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अब इस प्रश्न पत्र को गो हत्या से जोड़कर विश्वविद्यालय के कुछ छात्र देख रहे हैं और इसकी शिकायत लिखित तौर पर कुलपति से भी कर दी है. छात्रों का कहना है कि अगर प्रश्न पत्र बनाने वाले जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही नहीं होती है तो वह आंदोलन करेंगे.

दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाले छात्रों में से एक बीएचयू के शोध छात्र पतंजलि ने बताया कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय हमेशा से ही गोरक्षा और गंगा के लिए सतत प्रयास करते रहें और बीएचयू में भी गौशाला बनवाया, लेकिन उनकी विचारधारा के विपरीत जाकर आज नए कुलपति के आने के बाद से गो हत्या जैसे सवालों को प्रश्न पत्र में डालकर इसे संस्थागत बनाने का बौद्धिक कुचक्र चल रहा है. जिसे होने नहीं दिया जाएगा.

वहीं एक अन्य छात्र अंशुमान ने बताया कि होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई में यह बताना चाहिए था कि आखिर गाय के दूध से कौन-कौन तरह के उत्पाद बन सकते हैं? ना कि यह प्रश्न पत्र होना चाहिए था कि गाय के मीट कितने प्रकार के होते हैं. ऐसा प्रश्न पूछना है बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

वहीं कार्रवाई की मांग करने वाले छात्रों में से एक अन्य मृत्युंजय तिवारी ने भी बताया कि महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने बहुत सोच-समझकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय का निर्माण किया था और वह गोवंश के संरक्षण के लिए आजीवन कोशिश करते रहें और बीएचयू में गोशाला तक बनवाया. लेकिन अब उसी विश्वविद्यालय में बीफ पर पढ़ाई कराई जा रही है और प्रश्न पत्र में प्रश्न पूछा जा रहा है, जो बिल्कुल ही अनुचित है. ऐसे लोगों खिलाफ ना केवल बर्खास्तगी की कार्रवाई हो, बल्कि मुकदमा भी चलाया जाना चाहिए.

इस मामले से जुड़ी वीडियो रिपोर्ट को खबर की शुरुआत में शेयर किए गए Varanasi Tak के वीडियो पर क्लिक कर देखें.

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