बच्चा चोरी की अफवाहों पर एक्शन मोड में सरकार, बेगुनाहों को पीटा या झूठ फैलाया तो ये होगा

संतोष शर्मा

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उत्तर प्रदेश में बच्चा चोरी की अफवाह के बाद बेगुनाह लोगों के साथ हो रही मारपीट की घटना पर डीजीपी ने नाराजगी जताते हुए सभी जिलों के पुलिस अफसरों को ऐसी घटनाओं पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

डीजीपी डीएस चौहान ने सभी जिलों के एसपी और फील्ड अफसरों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि बच्चा चोरी की सूचना पर अफसर मौके पर पहुंचे और अफवाह फैलाने वालों और बेगुनाहों के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.

कौशांबी, बिजनौर समेत कई जिलों में बीते एक हफ्ते के अंदर बच्चा चोरी की अफवाह के बाद इलाके में घूम रहे मानसिक विक्षिप्त या किसी अन्य बेगुनाह के साथ मारपीट की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं.

उत्तर प्रदेश में अब तक ऐसी 30 घटनाओं की जानकारी यूपी पुलिस को सोशल मीडिया के जरिए हुई है, जिसमें 17 एफआईआर दर्ज कर 34 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. प्रदेश में लगातार हो रही बच्चा चोरी की अफवाह के बाद बेगुनाहों से मारपीट की घटना पर डीजीपी मुख्यालय ने सभी जिलों को निर्देश जारी किए हैं.

ये है डीजीपी की तरफ से जारी निर्देश-

• बच्चा चोरी की किसी भी घटना की सूचना चाहे वह अफवाह हो या वास्तविक घटना हो उस पर उच्च स्तर की संवेदनशीलता प्रदर्शित करते हुये तत्परता पूर्वक कार्यवाही की जाए. बच्चों के गुमशुदगी/अपहरण के प्रकरणों पर तत्काल प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत कर गम्भीरता पूर्वक विवेचनात्मक कार्यवाही और बरामदगी की जाए.

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• जनपद के समस्त पुलिसकर्मियों को इस सम्बन्ध में उच्च कोटि की संवदेनशीलताव बरतने हेतु निर्देशित किया जाय। यदि कोई भी सूचना प्राप्त होती है तो तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे. अगर सूचना असत्य है तो उसके सम्बन्ध में तद्नुरूप कार्यवाही की जाये.

• बच्चा चोरी की घटनाओं से सम्बन्धित अफवाहों के प्रसार को रोकने हेतु जनपद स्तर पर जिला मजिस्ट्रेट तथा अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ समन्वय गोष्ठी कर ली जाय समस्त गाँवों तथा मोहल्लों में पीस कमेटी के सदस्यों, सिविल डिफेन्स के पदाधिकारियों, ग्राम प्रधान, सभासद तथा अन्य सम्मानित लोगों के साथ स्थानीय निवासियों की गोष्ठी कर बच्चा चोर की अफवाहों पर विश्वास न करने तथा कानून अपने हाथ में न लेने के सम्बन्ध में जागरूक किया जाये.

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• पुलिस के आकस्मिक सहायता नम्बरों यथा डायल-112, स्थानीय कन्ट्रोलरूम के नम्बर तथा थाने व जनपदीय अधिकारियों के सीयूजी नम्बरों के सम्बन्ध में जानकारी दी जाय तथा किसी अफवाह अथवा घटना के सम्बन्ध में उक्त नम्बरों पर तत्काल सूचित करते हुये वास्तविक स्थिति की जानकारी करने के सम्बन्ध में भी जागरूक किया जाए.

• पब्लिक एड्रेस सिस्टम औऱ पीआरवी वाहनों में उपलब्ध माइक व लाउडहेलर के माध्यम से जनता को ऐसी अफवाहों से दूर रहने व अवैधानिक गतिविधि में संलिप्त न होने की हिदायत के साथ उन्हें आश्वस्त किया जाय कि स्थानीय पुलिस उनके सहयोग करने हेतु सदैव तत्पर और सक्षम है.

• इस प्रकार की घटना कारित करने वाले भीड़ में शामिल सभी व्यक्तियों की शिनाख्त कर उनके विरूद्ध जीरो टॉलरेन्स की नीति अपनायी जाये. अफवाह फैलाने के आधार पर हिंसा की घटना पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया जाए.

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• हिंसा कारित कर लोक शान्ति भंग करने वाले एवं अफवाह फैलाने वाले अराजक तत्वों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध एन०एस०ए० की कार्यवाही हेतु जिला मजिस्ट्रेट को समस्त तथ्यों से अवगत कराया जाए.

• सभी पीआरवी वाहनों और गश्त मोबाइलों को इस दिशा में और अधिक क्रियाशील बनाया जाय तथा निमित्त राजपत्रित अधिकारियों के माध्यम से उन्हें संवेदनशील बनाते हुये यह निर्देशित किया जाय कि इस प्रकार की घटना की रोकथाम शासन और पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

• ग्राम प्रहरियों (चौकीदार) की महत्ता को दृष्टिगत रखते हुये थाना प्रभारी उनके साथ गोष्ठी आयोजित कर उन्हें इस सम्बन्ध में संवेदनशील बनाते हुये निर्देशित करें कि उनके क्षेत्राधिकार में यदि कोई सूचना प्राप्त होती है तो तत्काल बीट के पुलिस कर्मियों / थाना प्रभारी को सूचित कर प्रभावी कार्यवाही किया जाए.

• स्थानीय अभिसूचना इकाई को और अधिक सक्रिय किया जाए.

• कम्यूनिटी पुलिसिंग के लिये यूपी पुलिस द्वारा विकसित C-Plan App का महत्तम प्रयोग कर जनता के ज्यादा से ज्यादा व्यक्तियों से सम्पर्क कर अफवाह फैलाने वाले व्यक्तियों को चिन्हित करने और इस प्रकार की घटना की रोकथाम हेतु उनका सहयोग प्राप्त किया जाए.

• बच्चा चोरी की अफवाहों पर नियंत्रण हेतु जनपद सोशल मीडिया टीम को सक्रिय करते हुये डिजिटल वॉलिण्टियर के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जाए.

• जनपद के सोशल मीडिया सेल द्वारा 24X7 मानीटरिंग करते हुये सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यम पर बच्चा चोरी से सम्बन्धित अफवाहों व मिथ्या सूचनाओं का तत्काल खण्डन करते हुये दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कठोर वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए.

• स्थानीय समाचार पत्रों, केबिल टीवी और सिनेमाघरों में पब्लिक नोटिस के माध्यम से जनता को ऐसी अफवाहों से बचने हेतु अपील की जाय जिला मजिस्ट्रेट से अनुरोध किया जाय कि वे जिला सूचना अधिकारी के माध्यम से इस प्रकार की अफवाहों की तत्काल रोकथाम के सम्बन्ध में प्रचार-प्रसार कराये.

• जनपद के समस्त थाना क्षेत्रों में सरकारी एवं प्राइवेट संस्थाओं द्वारा लगाये गये सीसीटीवी कैमरों को सूचीबद्ध कर उनकी क्रियाशीलता का परीक्षण कर लिया जाय तथा आवश्यकतानुसार स्थानीय प्रशासन और स्वयं सेवी संस्थाओं के सहयोग से नये सीसीटीवी कैमरे लगाने हेतु कार्यवाही की जाए.

• जनपद में इधर-उधर निराश्रित भटक रहे अर्द्धविक्षिप्त व्यक्तियों को चिन्हित कर उन्हें नियमानुसार उनके परिजनों को सुपुर्द करने, अस्पताल भेजने आदि की कार्यवाही स्थानीय मजिस्ट्रेट एवं अन्य सम्बन्धित विभागों के सहयोग से की जाये। इस सम्बन्ध में मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम 1987 के प्राविधानों का सम्यक अध्ययन कर तद्नुसार कार्यवाही कराई जाए.

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