समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य से यूपी एसटीएफ ने मंगलवार को पूछताछ की. यूपी एसटीएफ ने मौर्य से करीब एक घंटे तक पूछताछ की.
क्या है मामला?
दरअसल, मौर्य जब बीजेपी में थे और उत्तर प्रदेश सरकार में श्रम मंत्री थे, उस दौरान उनके निजी सचिव अरमान खान ने कुछ लोगों के साथ मिलकर श्रम विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर कथित तौर पर धोखाधड़ी की थी. आरोप है कि अरमान खान और उसके साथ के लोगों ने नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवकों से धन उगाही की थी. इस पूरे मामले में 21 अप्रैल को अरमान को गिरफ्तार किया गया था.
इसी मामले को लेकर मंगलवार को यूपी एसटीएफ ने स्वामी प्रसाद मौर्य से पूछताछ की. जानकारी के मुताबिक, यूपी एसटीएफ अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है और मामले में आगे भी पूछताछ जारी रहेगी.
21 अप्रैल को जब यूपी एसटीएफ द्वारा अरमान खान और उसके चार साथी को गिरफ्तार किया गया था, तब एसटीएफ ने बयान जारी कर बताया था कि अरमान खान और उसके साथी असगर अली, मो. फैजी, विशाल गुप्ता व अमित राव आदि बेरोजगार युवकों को बहला फुसलाकर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का कार्य करते हैं.
बयान में कहा गया था कि ये लोग अब तक करोड़ों रुपये का वारान्यारा कर चुके हैं. एसटीएफ ने मामले में पांचों आरोपियों को गिरफ्तार किया था. बयान के मुताबिक, अरमान खान समय-समय पर विभिन्न बहानों से पूर्व मंत्री को अभ्यर्थियों से मिलवाता रहता था.
हालांकि, इस बारे में जब पहली सरकार में श्रम मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य से पूछा गया था तो उन्होंने कहा था,”पकड़ा गया अरमान खान कभी भी मेरा निजी सचिव नहीं रहा. किसी भी मंत्री का निजी सचिव सरकारी कर्मचारी होता है। मेरा उससे कोई लेना देना नहीं है.”
बता दें कि ओबीसी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले योगी सरकार से इस्तीफा दे दिया था और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे. उन्होंने फाजिलनगर से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे. फिलहाल वह एमएलसी हैं.
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