कौन हैं सपा नेता विनय शंकर तिवारी जिन्हें लोन घोटाले में ED ने किया गिरफ्तार?

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Who is Vinay Shankar Tiwari: सपा नेता विनय शंकर तिवारी, पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के बेटे हैं. चिल्लूपार से पूर्व विधायक विनय ने 2021 में बीएसपी छोड़कर सपा जॉइन की. जानें उनके राजनीतिक सफर और प्रभाव के बारे में.

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Vinay Shankar tiwari
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Who is Vinay Shankar Tiwari: सपा नेता विनय शंकर तिवारी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बैंक लोन घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया है. तिवारी पर आरोप है उन्होंने बैंक ऑफ इंडिया के विभिन्न क्लस्टर्स से लिए गए करोड़ों रुपये के लोन में भारी गड़बड़ी की है. इस मामले में ED ने उनके करीबी सहयोगी और गंगोत्री एंटरप्राइजेज के जनरल मैनेजर अजीत पांडे को भी हिरासत में लिया है. मालूम हो कि गुरुवार को ED ने गंगोत्री एंटरप्राइजेज से जुड़े लखनऊ और गोरखपुर समेत 10 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की. इस दौरान एजेंसी को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य मिले, जिनसे लोन के दुरुपयोग की पुष्टि हुई है. 

ED की जांच में यह खुलासा हुआ कि गंगोत्री एंटरप्राइजेज ने बैंक ऑफ इंडिया से लोन हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया. इतना ही नहीं, कंपनी ने यह लोन निर्धारित उद्देश्यों के बजाय निजी कार्यों में खर्च कर दिया. प्रवर्तन निदेशालय का मानना है कि यह एक संगठित आर्थिक अपराध है, जिसकी जड़ें गहराई तक फैली हो सकती हैं. इस मामले के सामने आते ही विनय शंकर तिवारी चर्चा के केंद्र में आ गए हैं, खबर में आगे जानिए उनके बारे में .

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कौन हैं विनय शंकर तिवारी?

बता दें कि विनय शंकर तिवारी उत्तर प्रदेश के पूर्व कद्दावर नेता और कैबिनेट मंत्री रहे हरिशंकर तिवारी के बेटे हैं. हरिशंकर तिवारी गोरखपुर के बाहुबली नेता थे, जिनका साल 2023 में निधन हो गया था. विनय शंकर तिवारी बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर विधायक रह चुके हैं. मगर 2021 में उन्होंने समाजवादी पार्टी जॉइन की थी. मालूम हो कि विनय शंकर तिवारी के पिता हरिशंकर तिवारी छह बार के उत्तर प्रदेश के चिल्लूपार से विधायक रहे थे. विनय शंकर तिवारी भी चिल्लू पार से ही विधायक चुने गए थे. आपको बता दें कि पूर्वांचल क्षेत्र के ब्राह्मण मतदाताओं में तिवारी के परिवार का प्रभाव माना जाता है.

आपको बता दें कि विनय शंकर तिवारी पर पहले भी भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितताओं के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन यह पहली बार है जब उन्हें ED ने गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया. गिरफ्तारी के बाद ED ने दोनों आरोपियों को लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. ED अब इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से भी जांच कर रही है और अन्य संलिप्त लोगों की पहचान की जा रही है.
 

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