विधानपरिषद में उठा विश्वनाथ मंदिर के बैंक लोन का मुद्दा, सरकार ने दिया ये जवाब
Uttar Pradesh News: यूपी विधानपरिषद में गुरुवार को बाबा विश्वनाथ मंदिर के बैंक से लोन लेने का सवाल उठा. समाजवादी पार्टी के विधायक आशुतोष सिन्हा…
ADVERTISEMENT
Uttar Pradesh News: यूपी विधानपरिषद में गुरुवार को बाबा विश्वनाथ मंदिर के बैंक से लोन लेने का सवाल उठा. समाजवादी पार्टी के विधायक आशुतोष सिन्हा ने इस दौरान ये कहा कि बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर को गिरवी रखने का काम बीजेपी वालों ने किया है. पहली बार विश्वनाथ मंदिर को लोन लेना पड़ा. सपा सदस्य आशुतोष सिन्हा सवाल पूछा था कि काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के जनवरी 2017 व दिसंबर 2020 के समय विभिन्न बैंकों में कितने फिक्स डिपाजिट थे. कितनी आय हुई और कितनी धनराशि व्यय की गई.
विधानपरिषद में विश्वनाथ मंदिर के लोन का उठा मुद्दा
इसके जवाब में मुख्यमंत्री की ओर से प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा माह जनवरी 2017 से दिसंबर 2020 तक छह बैंकों में 103 फिक्स डिपाजिट थे. इस दौरान मंदिर को 78.9 करोड़ की आय हुई थी. जबकि 108.7 करोड़ का खर्च हुआ था.
इस पर पूरक प्रश्न करते हुए समाजवादी पार्टी के विधायक ने पूछा कि वर्ष 2019 से 2020 तक एचडीएफसी बैंक के किस आधार पर लोन लिया गया था? क्या ऐसा कोई नियम है? इसके जवाब में स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि 2019 से 2020 में वैश्विक महामारी के बावजूद काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद कारीडोर का निर्माण चल रहा था. हालांकि 6 माह तक आम लोगों के लिए विश्वनाथ मंदिर बंद था. जिसमें तमाम खर्चों को पूरा करने के लिए 4 करोड़ 75 लाख 20 हजार का ओवरड्राफ्ट एचडीएफसी बैंक से लिया गया था. जिस पर बैंक की ओर से केवल 1 प्रतिशत ब्याज लिया गया, ऐसे में खर्च उठाने के लिए हमको यह करना पड़ा.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
सपा ने लगाया ये आरोप
इस पर सपा सदस्य ने आरोप लगाया कि 2017 में जब इनकी सरकार बनी हो बैलेन्स शीट आना बंद हो गया. बाबा काशी विश्वनाथ को गिरवी रखने का काम किया तो बीजेपी के लोगों ने कर दिया. जबकि कई अधिकारियों के व्यक्तिगत खर्चे ट्रस्ट की ओर से उठाए जा रहे हैं. इस आरोप पर सभापति मानवेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार सपा सदस्य से कागज लेकर सत्यता को दिखवा ले.
ADVERTISEMENT