काशी: सूरज की किरणें जैसी ही फूटीं, वैसे ही आकाश में हाॅट एयर बैलूनों ने उड़ान भरी

रोशन जायसवाल

काशी नगरी अब तक तो देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी थी ही, लेकिन अब शंघाई सहयोग संगठन की भी राजधानी भी है. इसी मकसद…

ADVERTISEMENT

UP Tak
social share
google news

काशी नगरी अब तक तो देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी थी ही, लेकिन अब शंघाई सहयोग संगठन की भी राजधानी भी है.

इसी मकसद से वाराणसी में 17 जनवरी से हाॅट एयर बैलून फेस्टिवल का आगाज हो गया, जो 20 जनवरी तक चलेगा.

यह भी पढ़ें...

गुरुवार सुबह आकाश में सूरज की किरणें जैसी ही फूटीं, वैसे ही आकाश में हाॅट एयर बैलूनों ने उड़ान भरी.

लगभग 10 की संख्या में हाॅट एयर बैलून ने शहर के CHS ब्वायस इंटर काॅलेज के मैदान से उड़ान भरी.

छह देशों के सबसे बेहतरीन गुब्बाराकारों के साथ 10 गुब्बारों की एक श्रृंखला घाटों के ऊपर से उड़ान भरी.

गुब्बारे में सवार लोगों ने कभी न खत्म होने वाले रोमांचकारी अनुष्ठानों, काशी की स्थल सीमा और श्रद्धालुओं को पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाते हुए देखा.

हवा की दिशा में आगे बढ़ते हुए लगभग 500 फिट की ऊंचाई तक पहुंचे हाॅट एयर बलून ने कभी काशी की सड़कों और गलियों को दिखाया.

तो कभी पक्के घाटों और अर्धचंद्राकार गंगा के किनारे को तो कभी गंगा पार रेत का भी नजारा दिखाया.

भेलूपुर क्षेत्र से शुरू हुई हाॅट एयर बैलून की उड़ान का पहले दिन के पड़ाव का अंत गंगा उस पार चंदौली जिले के तमाम इलाकों में हुआ.

चंदौली जिले में लैंड करने के बाद हाॅट एयर बैलून लोगों के लिए किसी कौतूहल से कम नहीं था.

यहां पढ़ें पूरी खबर

    follow whatsapp